देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश स्थगित किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली की एक अदालत भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर 26 अप्रैल को अपना फैसला सुना सकती है।
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल दिल्ली की एक अदालत भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर 26 अप्रैल को अपना फैसला सुना सकती है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी है। सिंह ने मामले में जांच का अनुरोध करते हुए अदालत में एक याचिका दायर की है। अदालत को आज इस मामले में आदेश पारित करना था।
सिंह ने अपनी याचिका में आरोपों पर जवाब देने के लिए वक्त दिए जाने तथा और जांच करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वे उस घटना की तारीख पर भारत में नहीं थे जिसे लेकर एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उस दिन उसका डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में यौन उत्पीड़न किया गया था।
सिंह के वकील ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ आए कोच के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पर भरोसा किया था और कहा था कि वे सात सितंबर 2022 को डब्ल्यूएफआई गए थे जहां लड़की का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया।
वकील ने दावा किया कि हालांकि, पुलिस ने सीडीआर को रिकॉर्ड में नहीं रखा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंह इस कथित अपराध के दिन देश में नहीं थे।
उन्होंने दलील दी, ‘‘मैं (सिंह) दिल्ली पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश देने का अनुरोध कर रहा हूं। जिस तारीख को कथित अपराध हुआ, वह स्पष्ट नहीं है। अगर जिस अपराध का आरोप लगाया है, उस वक्त मैं वहां मौजूद ही नहीं था तो मेरे अन्यत्र होने की दलील दी जाएगी।’’
लोक अभियोजक ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह बचाव पक्ष द्वारा मुकदमे में विलंब करने का हथकंडा है।
न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख लिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की।
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत 15 जून को मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था।
पुलिस ने इस मामले में डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर भी आरोप लगाए थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)