देश की खबरें | दिल्ली की अदालत ने आप विधायकों को दंगे, पुलिसकर्मियों पर हमले का दोषी ठहराया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. यहां की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को 2015 में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का दोषी ठहराया है।

नयी दिल्ली, 12 सितंबर यहां की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को 2015 में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का दोषी ठहराया है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने दंगा करने और पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में 15 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया है।

विधायकों के अलावा अदालत ने बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी, नरेंद्र सिंह रावत, नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम, मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत को भी दोषी ठहराया।

उन्हें भादंवि की धारा 147 (दंगा), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन से रोकना), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), और धारा 149 के तहत अपराधों का दोषी पाया गया।

अदालत 21 सितंबर को सजा के संबंध में सुनवाई करेगी, जहां उन्हें अधिकतम तीन साल की जेल हो सकती है।

न्यायाधीश ने सात सितंबर को पारित 149 पन्नों के आदेश में कहा, “इस अदालत का विचार है कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे साबित करने में सक्षम रहा है कि आरोपी व्यक्ति संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी गैरकानूनी सभा का हिस्सा थे... और भीड़ का हिस्सा थे तथा उन्होंने नारेबाजी की थी व भीड़ को उकसाया था, और उन्हें हिंसक होने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने (भीड़ ने) पथराव किया, जिससे कुछ पुलिस अधिकारियों को चोटें आईं।”

न्यायाधीश ने यह भी माना कि दोनों विधायक गैरकानूनी सभा का भी हिस्सा थे, जिसने पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक दिया था।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, घटना 20 फरवरी 2015 की रात की है, जब बुराड़ी थाने में भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।

भीड़ दो लोगों को उसके सुपुर्द करने की मांग कर रही थी, जिन्हें गिरफ्तार कर थाने लाया गया था। भीड़ कथित तौर पर उनकी पिटाई करना चाहती थी।

अभियोजक ने अदालत को बताया कि पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन विधायक भीड़ में शामिल हो गए और उन पर हमला किया और पथराव किया।

अदालत ने हालांकि मामले में 10 आरोपियों को बरी भी कर दिया।

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