जरुरी जानकारी | अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला
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गुवाहाटी, 10 जनवरी देश में अंतर्देशीय जलमार्ग नेटवर्क पर नीतिगत विमर्श के शीर्ष निकाय अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) ने शुक्रवार को अगले पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) की तरफ से काजीरंगा में आयोजित आईडब्ल्यूडीसी की दूसरी बैठक में राष्ट्रीय जलमार्गों पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की घोषणा की गई।
इन घोषणाओं में 21 अंतर्देशीय जलमार्गों पर 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई नई पहल भी शामिल हैं।
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नदियों के इर्दगिर्द रहने वाले समुदायों के पारंपरिक ज्ञान का इस्तेमाल करने और उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर को सुधारने के लिए 'नदी समुदाय विकास योजना' लाने का फैसला किया गया।
इस अवसर पर सोनोवाल ने कहा, ‘‘हम अंतर्देशीय जलमार्गों की सहायक प्रणाली को फिर से जीवंत करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हम रेलवे और सड़क मार्गों पर भीड़भाड़ कम कर सकें। इसके साथ ही यात्रियों और मालवाहक ऑपरेटरों दोनों के लिए परिवहन का एक लाभप्रद, आर्थिक, टिकाऊ और कुशल तरीका प्रदान कर सकें।’’
सोनोवाल ने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से राष्ट्रीय जलमार्गों में निवेश बढ़ने से ये संभव हो पाए हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 और अंतर्देशीय पोत अधिनियम 2021 जैसे विधायी सुधारों ने देश भर में जहाजों की सुरक्षित और सुचारू आवाजाही को सुव्यवस्थित किया है।’’
बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के अलावा गोवा के बंदरगाह मंत्री और असम, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री भी शामिल हुए।
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