देश की खबरें | श्रद्धा वालकर के शरीर के अंग प्राप्त करने के लिए मृतका ने अदालत का रुख किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अपने लिव-इन पार्टनर की क्रूरता का शिकार हुई श्रद्धा वालकर के पिता विकास मदन वालकर ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत में अर्जी देकर अपनी बेटी के अवशेष उपलब्ध कराने का अनुरोध किया , ताकि परंपरा और संस्कृति के अनुसार उसका दाह संस्कार किया जा सके।

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल अपने लिव-इन पार्टनर की क्रूरता का शिकार हुई श्रद्धा वालकर के पिता विकास मदन वालकर ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत में अर्जी देकर अपनी बेटी के अवशेष उपलब्ध कराने का अनुरोध किया , ताकि परंपरा और संस्कृति के अनुसार उसका दाह संस्कार किया जा सके।

श्रद्धा का पिछले साल 18 मई को उसके ‘लिव-इन पार्टनर’ आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर गला घोंट दिया था और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिये थे। इतना ही नहीं, उन टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा था। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने उन टुकड़ों को राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था।

अदालती कार्यवाही के दौरान दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ को अवगत कराया कि 29 अप्रैल को जवाब दाखिल किया जाएगा।

विकास मदन वालकर की ओर से अधिवक्ता सीमा कुशवाहा के माध्यम से दायर अर्जी में कहा गया है कि प्रथा के अनुसार, अंतिम संस्कार एक वर्ष के भीतर किया जाना था और हिंदू कैलेंडर के आधार पर दाह संस्कार की अंतिम तिथि आठ मई है।

यह रेखांकित करते हुए कि श्रद्धा की मृत्यु के 10 महीने से अधिक समय बीत चुके हैं, पिता की अर्जी में कार्यवाही तेजी से करने का अनुरोध किया गया है, ताकि मृतक की हड्डियों और शरीर के अन्य अंगों को प्रदर्शित किया जा सके और उसके परिवार को सौंपा जा सके।

याचिका में कहा गया है कि अंतिम संस्कार करने का अवसर प्रदान नहीं करना संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और 25 (स्वतंत्र विवेक और पेशे, अभ्यास और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता) के तहत मृतक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

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