अहमदाबाद/नयी दिल्ली, 15 जून भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार शाम को कहा कि अरब सागर में 10 दिनों तक छाये रहने के बाद चक्रवात ‘बिपारजॉय’ ने गुजरात के कच्छ जिले में जखौ बंदरगाह के नजदीक दस्तक दे दी है और इसके टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसने कहा कि यह प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी होगी।
चक्रवात के कारण कच्छ और सौराष्ट्र तटों के आसपास तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिसके चलते एजेंसियों को सतर्क रखा गया है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘घने संवहनी बादलों के कच्छ और देवभूमि द्वारका जिलों में प्रवेश के बाद चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह मध्य रात्रि तक पूरी होगी।’’
वहीं, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के बृहस्पतिवार शाम को गुजरात में कच्छ के तट से टकराने के बाद तेज हवाएं चलने के कारण देवभूमि द्वारका जिले में पेड़ उखड़े गए, जिसकी चपेट में आकर तीन लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि कच्छ जिले के जखौ और मांडवी कस्बों के पास कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें उड़ गईं।
सांघवी ने कहा कि शाम सात बजे तक चक्रवात संबंधी घटनाओं के कारण मौत की कोई खबर नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘देवभूमि द्वारका जिले में पेड़ गिरने से तीन लोगों को चोटें आई हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। गुजरात पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना के दल द्वारका के अलग-अलग हिस्सों में उखड़े पेड़ों और बिजली के खंभों को हटाने का काम कर रहे हैं।’’
चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य को लेकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की तैनाती रही।
चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया से पहले तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका के मद्देनजर आठ तटीय जिलों से एक लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है।
इससे पहले दिन में अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ की 15 टीम और एसडीआरएफ की 12 टीम के अलावा भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, भारतीय तट रक्षक और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है।
वहीं, वायु सेना ने ट्वीट किया, ‘‘च्रकवात बिपारजॉय के टकराने के बाद राहत एवं बचाव कार्यों में सहायता के लिए भारतीय वायु सेना ने तैयारी की है। चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली आकस्मिकताओं से निपटने के लिए वायु सेना नागरिकों की सहायता करने को प्रतिबद्ध है।’’
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सेना ने भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ-साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में अग्रिम स्थानों पर 27 राहत टुकड़ियां तैनात की हैं। वायुसेना ने वड़ोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर को तैयार रखा है। नौसेना ने बचाव और राहत के लिए ओखा, पोरबंदर और बकासुर में 10-15 टीम को तैनात किया है, जिनमें से प्रत्येक में पांच गोताखोर और अच्छे तैराक शामिल हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने बचाव कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए हैं और स्थानीय निवासियों को सहायता प्रदान करने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया है।
आईएमडी ने दिन में कहा कि चक्रवात अत्यधिक भारी वर्षा लाएगा और ‘‘खगोलीय ज्वार’’ पैदा होने के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिसके चलते चक्रवात के टकराने के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका है।
अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात के कारण ऊंची लहरें उठने के मद्देनजर लोगों को समुद्र के पास जाने से रोक दिया गया है और सभी समुद्र तटों पर जीवनरक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘अब तक निकाले गए 94,427 लोगों में से कच्छ जिले में 46,800, देवभूमि द्वारका में 10,749, जामनगर में 9,942, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,822, जूनागढ़ में 4,864, पोरबंदर में 4,379 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को निकाला गया है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, उनमें 8,900 बच्चे, 1,131 गर्भवती महिलाएं और 4,697 बुजुर्ग शामिल हैं। इन आठ जिलों में कुल 1,521 आश्रय गृह बनाए गए हैं। चिकित्सा दल नियमित अंतराल पर इन आश्रय गृहों का दौरा कर रहे हैं।’’
आईएमडी की अहमदाबाद इकाई की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि शुक्रवार को चक्रवात की तीव्रता कम होने के बावजूद तेज हवाएं चलेंगी।
इस बीच, चक्रवात के टकराने से पहले कच्छ, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका और अमरेली के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार दोपहर तक छह घंटे में 10-20 मिलीमीटर तक भारी बारिश दर्ज की हुई।
आईएमडी अधिकारियों ने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ के अलावा, गुजरात के अन्य जिलों में भी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही हल्की बारिश हो सकती है।
अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात के कारण होने वाली क्षति के मद्देनजर प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी कर रहा है कि बिजली और पानी की आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो।
इस बीच, देवभूमि द्वारका के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ के सोमनाथ मंदिर को बृहस्पतिवार को दर्शनार्थियों के लिए बंद रखने का फैसला किया गया है।
पश्चिम रेलवे ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियात के तौर पर 76 ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, जबकि 36 को बीच रास्ते में रोक दिया गया है और 31 ट्रेन को केवल चुनिंदा स्टेशन पर संचालित करने का फैसला लिया गया है।
वहीं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सभी मीडिया संस्थानों को निर्देश दिया कि वे अपने कर्मचारियों को चक्रवात बिपारजॉय के कवरेज के लिए भेजते समय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतें।
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