जरुरी जानकारी | कच्चा तेल छह माह के निचले स्तर पर लेकिन डीजल का बिक्री पर नुकसान जारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।

नयी दिल्ली, 18 अगस्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इस वजह से भारतीय खुदरा ईंधन विक्रेताओं को पेट्रोल की बिक्री पर घाटा नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल की बिक्री पर नुकसान जारी है। डीजल देश में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला ईंधन है।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड बृहस्पतिवार को 94.91 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण कच्चा तेल बीते दिन छह महीने के निचले स्तर 91.51 डॉलर पर आ गया है।

कच्चे तेल का मौजूदा भाव भारत के लिए राहत की बात है, क्योंकि देश अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है।

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि कीमतों में गिरावट से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन जैसे खुदरा ईंधन विक्रेता को अब पेट्रोल पर कोई नुकसान नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल पर कुछ घाटा अभी भी जारी है।

सरकारी तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य को अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुसार नहीं बढ़ाया है। इन कंपनियों ने महंगाई पर काबू पाने के सरकार के प्रयासों का सर्मथनइ करने के लिए ऐसा किया है।

अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन कंपनियों को एक समय डीजल पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पेट्रोल पर अभी कोई नुकसान नहीं हो रहा है। डीजल को इस स्थिति तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा।’’

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तेल की खुदरा कीमतों में तत्काल कमी की संभावना नहीं है, क्योंकि तेल कंपनियां बीते महीनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करेंगी।

उन्होंने बताया कि डीजल पर नुकसान अब घटकर चार से पांच रुपये प्रति लीटर रह गया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\