देश की खबरें | शिवसेना में संकट : बागियों के हमलों पर आक्रमक तरीके से पलटवार का नेतृत्व कर रहे आदित्य ठाकरे

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मुंबई, 29 जून शिवसेना अपने गठन के बाद सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है जिसके अधिकतर विधायक बागी हो गए हैं। वहीं, इन बागियों पर पलटवार की कमान पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे संभाल रहे हैं।

आदित्य ठाकरे को शिवसेना का नया चेहरा माना जाता है लेकिन कुछ दिनों में उनकी भूमिका बदली है।

शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जब एकनाथ शिंद के नेतृत्व में गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायकों से लौटने की अपील कर रहे थे, मेलमिलाप की बात कर रहे थे, उसी समय उनके बेटे आदित्य ठाकरे बागियों को ‘‘नाले की गंदगी’’ करार दे रहे थे।

ठाकरे से करीब 39 विधायकों ने बगावत की है। वहीं, 32 वर्षीय आदित्य ठाकरे ने पड़ोसी रायगढ़ जिले के करजत से लेकर शिवसेना के मजबूत गढ़ मुंबई के भायकुला, कलीना और दादर में कई मौकों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है।

आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाली युवा सेना (शिवसेना की युवा इकाई) बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन में अग्रणी है।

ठाकरे जिस रात मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ से निकलकर अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ गए तो उनका पूरे रास्ते में स्वागत हुआ। उस समय भी भीड़ का अभिवदन करने आदित्य ठाकरे ही मातोश्री से बाहर आए और हाथ हिलाकार समर्थकों का अभिवादन किया।

आदित्य ठाकरे अपने भाषणों में बागी विधायकों को ‘‘गद्दार’’ कह रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘पार्टी की गंदगी चली गई है, हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।’’

शिवसेना के विधान पार्षद (एमएलसी) मनीषा कायनाडे ने कहा, ‘‘जब (बागियों के) आरोपों से उनके पिता को निशाना बनाया गया तब वह बागियों के खिलाफ हमला करने को मजबूर हुए और वह यही कर रहे हैं।’’

शिवसेना विधायक रविंद्र वाइकर को ठाकरे का करीबी माना जाता है और अब भी वह उनके साथ हैं। वाइकर ने कहा कि बागियों के खिलाफ आक्रोश है और आदित्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उनका समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।

मुंबई में नागरिक और राजनीति विभाग के शोधकर्ता संजय पाटिल ने कहा कि आदित्य एक तरह से पिछले कुछ महीनों से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं, क्योंकि उद्धव ठाकरे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

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