देश की खबरें | असम संधि पर न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक नहीं, मेरी मिली-जुली प्रतिक्रिया : मुख्यमंत्री शर्मा
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गुवाहाटी, 20 अक्टूबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने असम संधि के तहत ‘कट ऑफ’ तारीख पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर रविवार को ‘खुशी और गम की मिली जुली प्रतिक्रया’ दी।
एक आधिकारिक समारोह के अवसर पर रविवार को संवाददाताओं से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि असमिया लोगों को ‘संघर्षों’ के माध्यम से आगे बढ़ना होगा।
शर्मा ने न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह फैसला ऐतिहासिक है या नहीं। सरकार ने असम संधि लागू की थी, इसलिए अदालत में उसका रुख यह था कि कट-ऑफ तारीख 1971 होनी चाहिए। हालांकि, असम में कई लोग चाहते थे कि कट-ऑफ तारीख 1951 होनी चाहिए।’’
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने बृहस्पतिवार को बहुमत के फैसले में नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, जो एक जनवरी, 1966 और 25 मार्च, 1971 के बीच असम में आए प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करती है।
शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह फैसला 1971 को कट-ऑफ तिथि के रूप में स्थापित करता है, और मेरी प्रतिक्रिया मिश्रित है। इसमें खुशी और अफसोस दोनों हैं। इसलिए, मैं इसे ऐतिहासिक निर्णय नहीं कहना चाहता; यह बस दोनों भावनाओं का मिश्रण है।’’
न्यायालय के फैसले के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कुछ स्पष्ट किए बिना कहा, ‘‘असमिया समुदाय को इस तरह के संघर्षों के साथ आगे बढ़ना होगा।’’
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