देश की खबरें | कफील खान की हिरासत रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डॉ. कफील खान की हिरासत को रद्द करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
नयी दिल्ली, 17 दिसम्बर उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डॉ. कफील खान की हिरासत को रद्द करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक सितम्बर को डॉ कफील की हिरासत रद्द करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे के नेतृत्व वाली एक पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह ‘‘ एक अच्छा फैसला’’ है।
न्यायमूर्ति ए. एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यन भी पीठ का हिस्सा थे।
पीठ ने कहा, ‘‘ हम फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हालांकि इस टिप्पणी से किसी अन्य कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
राज्य की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी से खान को आपराधिक कार्यवाही से छूट मिलती है।
पीठ ने कहा, ‘‘ आपराधिक मामलों का फैसला उनके गुण-दोष के आधार पर किया जाएगा।’’
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कफील जनवरी से जेल में बंद थे।
गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले के बाद कफील चर्चा में आये थे। वह आपात ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने वाले नायक के तौर पर सामने आए थे, लेकिन बाद में उनपर और अस्पताल के नौ अन्य डॉक्टरों तथा स्टाफ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को बाद में जमानत मिल गई।
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