देश की खबरें | अदालत ने कब्रिस्तान में अवैध निर्माण का आरोप लगाने वाली याचिका पर वक्फ बोर्ड और सरकार से जवाब मांगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली वक्फ बोर्ड से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें बोर्ड पर ईदगाह रोड स्थित कब्रिस्तान में कथित बिक्री और अवैध निर्माण पर चुप रहने का आरोप लगाया गया है।

नयी दिल्ली, 14 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली वक्फ बोर्ड से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें बोर्ड पर ईदगाह रोड स्थित कब्रिस्तान में कथित बिक्री और अवैध निर्माण पर चुप रहने का आरोप लगाया गया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर दिल्ली सरकार, दिल्ली वक्फ बोर्ड, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।

अदालत ने प्राधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा तथा मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की।

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि संपत्ति पर किया गया कोई भी निर्माण न्यायालय के आगामी आदेशों के अधीन होगा तथा निर्देश दिया कि स्वामित्व के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।

याचिकाकर्ता मोहम्मद मजहर अहमद ने दलील दी कि ईदगाह रोड स्थित कब्रिस्तान अहाता बदरुद्दीन एक अधिसूचित वक्फ संपत्ति है।

याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता एम. सूफियान सिद्दीकी के माध्यम से दावा किया कि संपत्ति धोखाधड़ी वाले लेन-देन के माध्यम से हस्तांतरित कर दी गयी है, जिसके परिणामस्वरूप इस पर अनधिकृत निर्माण हुआ है तथा परिसर में स्थित कब्रों को अपवित्र किया गया है।

उन्होंने दलील दी कि भूमि का हस्तांतरण और उसके परिणामस्वरूप अवैध निर्माण वक्फ अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम का प्रावधान किसी भी प्रकार के वक्फ संपत्ति के हस्तांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है और इसलिए हस्तांतरण के संबंध में प्रतिवादियों की ओर से चुप्पी उचित नहीं है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\