देश की खबरें | अदालत का महामारी के बीच अतिक्रमणों को हटाये जाने की नगर निकाय को अनुमति देने से इंकार
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मुंबई, 30 सितम्बर बम्बई उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) को उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में नदी किनारे अतिक्रमणों को हटाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वह किसी को भी बेघर किये जाने की अनुमति नहीं दे सकती है।
नगर निकाय ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली चार न्यायाधीशों की एक पीठ के समक्ष एक आवेदन दायर कर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 16 जून के उस आदेश का पालन करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था जिसमें नदी नालों के आसपास अतिक्रमणों को हटाये जाने के निर्देश दिये गये थे।
पीठ ने हालांकि कहा कि उसने पहले भी एक आदेश पारित किया था जिसके तहत महामारी के दौरान कोई भी तोड़फोड़ या लोगों को बेघर किये जाने के काम पर रोक है।
पीठ ने बुधवार को अपने पिछले स्वत: आदेश के मद्देनजर पीसीएमसी को राहत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से कुछ लोग बेघर हो जायेगे और महामारी के दौरान ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
पीठ ने कहा कि इसलिए पीसीएमसी को अदालत के आदेश के बारे में एनजीटी को सूचित किये जाने के निर्देश दिये जाते है।
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