देश की खबरें | अदालत ने बलात्कार के आरोपी को अग्रिम जमानत दी, कहा-अपराध की ‘समय पर’ शिकायत नहीं की गई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली की एक अदालत ने एक तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्म करने के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि शिकायतकर्ता ने कथित अपराध की शिकायत दर्ज कराने में तत्परता नहीं दिखाई और मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं थी।

नयी दिल्ली, 10 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने एक तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्म करने के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि शिकायतकर्ता ने कथित अपराध की शिकायत दर्ज कराने में तत्परता नहीं दिखाई और मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। सरिता विहार पुलिस थाने ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार, आपराधिक धमकी और जानबूझकर चोट पहुंचाने के दंडात्मक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी ने 2016 में जसोला विहार स्थित अपने कार्यालय में 32 वर्षीय एक तलाकशुदा महिला के साथ कथित बलात्कार किया और घटना के कुछ आपत्तिजनक वीडियो भी बनाए।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़िता घरों में खाना बनाती है और उसका एक बच्चा भी है। उसने बताया कि आरोपी ने घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी देकर पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध भी बना रहा था।

आठ जनवरी को पारित आदेश में अदालत ने कहा, “शिकायतकर्ता ने 2016 में कथित तौर पर किए गए अपराध के लिए 2024 में पहली बार पुलिस से संपर्क किया। आरोपी शिकायतकर्ता से शादी के कथित वादे पर अमल करे, इसके लिए इंतजार करने के लिए आठ साल की अवधि वाकई बहुत लंबी है।”

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के रिश्तेदार भी राष्ट्रीय राजधानी में रहते हैं और ऐसी कोई भी वजह नहीं है, जिसने उसे पुलिस या अपने रिश्तेदारों से “समय पर” कथित अपराध की शिकायत करने से “रोका” हो।

फैसले में कहा गया है, “यह ऐसा मामला प्रतीत नहीं होता है, जिसमें गिरफ्तारी या हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। आरोपी जांच में शामिल होने के लिए तैयार और इच्छुक है।”

अदालत ने आरोपी को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती बॉन्ड पर जमानत दी। अदालत ने यह शर्त भी लगाई कि आरोपी जांच में सहयोग करेगा और शिकायतकर्ता से संपर्क नहीं करेगा।

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