देश की खबरें | न्यायालय ने एसएनजेपीसी कार्यान्वयन के लिये सभी उच्च न्यायालयों में दो सदस्यीय समिति बनाने को कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों में दो-न्यायाधीशों की समिति गठित करने की सिफारिश की है कि दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग के अनुसार न्यायिक अधिकारियों के लिए वेतन, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों पर आदेशों का कार्यान्वयन किया जाए।
नयी दिल्ली, चार जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों में दो-न्यायाधीशों की समिति गठित करने की सिफारिश की है कि दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग के अनुसार न्यायिक अधिकारियों के लिए वेतन, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों पर आदेशों का कार्यान्वयन किया जाए।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सेवारत और पूर्व न्यायिक अधिकारियों को भी उनकी मेडिकल जांच के लिए नकदी रहित (कैशलेस) सुविधाएं मिलेंगी।
यह देखते हुए कि इस मुद्दे पर फैसला तैयार है और जल्द ही सुनाया जाएगा पीठ ने कहा कि उसने दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
एसएनजेपीसी की सिफारिशों में जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों के विषयों को निर्धारित करने के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने के मुद्दे से निपटने के अलावा वेतन संरचना, पेंशन और पारिवारिक पेंशन एवं भत्ते शामिल हैं।
फैसला अभी सुनाया जाना बाकी है। प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि इनमें से कुछ का विवरण देते हुए कहा कि एसएनजेपीसी से संबंधित मुद्दों और सेवारत एवं पूर्व न्यायिक अधिकारियों की अन्य शिकायतों से निपटने के लिए प्रत्येक उच्च न्यायालय में दो व्यक्तियों की एक समिति होगी, जिसमें जिला न्यायपालिका से पदोन्नत एक न्यायाधीश सहित उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के महापंजीयक समिति के पदेन सचिव होंगे, जिसके नोडल अधिकारी के रूप में एक पूर्व जिला न्यायाधीश होंगे।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति का कार्य एसएनजेपीसी का उचित कार्यान्वयन देखना होगा...।”
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