जरुरी जानकारी | न्यायालय ने यूनिटेक समूह की उप-समिति को तीन एआरसी के साथ दावों पर बातचीत की अनुमति दी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यूनिटेक समूह के नए प्रबंधन बोर्ड को तीन परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के साथ बातचीत करने की अनुमति दी है, जिन्हें कुल 15,000 फ्लैट में से लगभग 8000 फ्लैट परस्पर सहमति से तय बकाये के एकमुश्त निपटान के लिए सौंपे गए हैं।

नयी दिल्ली, 25 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को यूनिटेक समूह के नए प्रबंधन बोर्ड को तीन परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के साथ बातचीत करने की अनुमति दी है, जिन्हें कुल 15,000 फ्लैट में से लगभग 8000 फ्लैट परस्पर सहमति से तय बकाये के एकमुश्त निपटान के लिए सौंपे गए हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि नए प्रबंधन बोर्ड द्वारा गठित चार निदेशकों की एक उप-समिति चार सप्ताह में सुरक्षा एआरसी, जेएम फाइनेंशियल एआरसी और एडलवेइस एआरसी के साथ बकाया और निपटान समझौते के बारे में बातचीत करेगी और उसे अवगत कराएगी।

शीर्ष न्यायालय ने उप-समिति को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों के साथ बातचीत करने की भी अनुमति दी, जिन्होंने यूनिटेक समूह द्वारा देय और बकाया राशि के बारे में नए बोर्ड द्वारा पेश समाधान योजना पर आपत्ति जताई है।

पीठ ने कहा कि उप-समिति द्वारा इसी तरह की चर्चा हरियाणा सरकार और उसकी एजेंसियों के साथ भी की जाएगी।

सुनवाई के दौरान नए बोर्ड की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि इस समय 74 (आवासीय) और 10 (वाणिज्यिक) निर्माणाधीन परियोजनाएं हैं, जिनमें लगभग 15,000 इकाइयों का कब्जा घर खरीदारों को दिया जाना है।

उन्होंने कहा कि लगभग 4,000 बिना बिकी इकाइयों का निर्माण एवं समापन एक साथ पूरा किया जाना है, और कुल में से 35 परियोजनाओं (जिनमें 5,918 बेची गई इकाइयां शामिल हैं, जिनका कब्जा दिया जाना है और अन्य 2090 बिना बिकी इकाइयां) को एआरसी को सौंपा गया है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सभी परियोजनाओं को पूरी तरह विकसित करने और घर खरीदारों को इकाइयां सौंपने के लिए यह जरूरी है कि नए प्रबंधन को पीएमसी की भागीदारी के लिए अनुमति दी जाए, और एआरसी को सौंपी गई परियोजनाओं सहित सभी परियोजनाओं के लिए ठेके देने की अनुमति दी जाए।

वेंकटरमन ने यह भी कहा कि मकानों की निर्माण लागत घर खरीदारों से मिलने वाली बकाया राशि से ही पूरी होनी है। यह राशि करीब 3,300 करोड़ रुपये है, इसलिये यह भी महत्वपूर्ण है कि घरे खरीदार बकाये का समय पर भुगतान करें।

मामले में सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।

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