ठाणे, 16 दिसंबर महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने 2011 के डकैती के एक मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपित चार लोगों को अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए बरी कर दिया।
विशेष (मकोका) न्यायाधीश अमित एम शेटे ने श्रवण उर्फ सरया नागो वाघे (40), शंकर नागो वाघे (33), सोमनाथ उर्फ सोनू चिंतामन काटे (34) और यशवंत उर्फ बूटा चंदर वाघे (33) को डकैती, आपराधिक साजिश और गिरोह संचालित करने के आरोपों से बरी कर दिया।
दो अन्य आरोपियों की सुनवाई से पहले ही मृत्यु हो गई थी जिसके कारण उनके खिलाफ दर्ज मामला समाप्त कर दिया गया।
बारह दिसंबर को पारित आदेश की एक प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार यह घटना दो दिसंबर 2011 को कल्याण के एक 'वाटर पार्क' में घटी थी, जहां लोहे की छड़ों, चाकूओं और तलवारों से लैस हमलावरों के एक समूह ने कर्मचारियों पर हमला किया और उन्हें बांध दिया तथा उनका कीमती सामान लूट लिया।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), बॉम्बे पुलिस अधिनियम और मकोका की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अभियोजन पक्ष ने उनके आपराधिक इतिहास और पिछले आरोपपत्रों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि आरोपी एक संगठित अपराधिक गिरोह का हिस्सा थे।
उन्होंने तर्क दिया कि आरोपियों ने डकैती के दौरान धमकी दी और हिंसा की।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि उनका उद्देश्य इलाके में भय पैदा करना था।
अभियोजन पक्ष ने इकबालिया बयानों, घायल गवाहों के चिकित्सा साक्ष्य और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों का सहारा लिया।
हालांकि, अदालत ने जांच में महत्वपूर्ण खामियां पाईं और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी को अपराध से जोड़ने वाले ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा।
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