देश की खबरें | अदालत ने दंगे, हत्या के मामले में 12 लोगों को बरी किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली की एक अदालत ने 2015 में दंगे के दौरान गोली लगने से एक महिला की मौत से संबंधित मामले में गिरफ्तार 12 लोगों को सोमवार को बरी करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा सबूतों से हेराफेरी किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
नयी दिल्ली, 21 दिसम्बर दिल्ली की एक अदालत ने 2015 में दंगे के दौरान गोली लगने से एक महिला की मौत से संबंधित मामले में गिरफ्तार 12 लोगों को सोमवार को बरी करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा सबूतों से हेराफेरी किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने आस मोहम्मद, राजेश कुमार, शहजाद अहमद, मोहम्मद रिहान, अजाज, हनीफुद्दीन, जाकिर हुसैन, इमरान, मोहम्मद फरमान, आलम खान, परवेज और इमरान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या)147,148 (दंगे), 149 (गैरकानूनी ढंग से एकत्र होना), आपराधिक साजिश (120-बी) और सशस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपों में बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, फरवरी 2015 में, दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान, लगभग 10-11 लड़के, उनमें से कुछ ने पिस्तौल से लैस होकर, खजूरी खास इलाके में एक हाजी यामीन के घर को घेर लिया था।
पुलिस ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के एक एजेंट यामीन का आरोपी हनीफुद्दीन से कुछ फर्जी मत डालने के संबंध में दोपहर को विवाद हो गया था।
पुलिस ने दावा किया था कि भीड़ ने गोलीबारी की और इसमें एक महिला शुक्रा बेगम गोली लगने से घायल हो गई थी और बाद में उसकी मौत हो गई।
अदालत ने कहा कि इस घटना के कथित प्रत्यक्षदर्शी यामीन और उसके बेटे इमरान ने इस घटना में आरोपी व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में न तो कुछ कहा और न ही उनकी पहचान की।
सभी आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है।
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