जरुरी जानकारी | मुद्रास्फीति में नरमी से देश की वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई : आरबीआई लेख
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में कहा गया कि खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में जुलाई के अपने उच्चस्तर से नीचे आ चुकी है, जिससे वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई है। लेख में कहा गया है कि तीसरी तिमाही से वैश्विक वृद्धि अपनी रफ्तार गंवा चुकी है।
मुंबई, 19 अक्टूबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में कहा गया कि खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में जुलाई के अपने उच्चस्तर से नीचे आ चुकी है, जिससे वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई है। लेख में कहा गया है कि तीसरी तिमाही से वैश्विक वृद्धि अपनी रफ्तार गंवा चुकी है।
आरबीआई के बुलेटिन में बृहस्पतिवार को प्रकाशित लेख ‘‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’’ में कहा गया है कि प्रमुख आंकड़ों से पता चलता है कि भारत व्यापक आधार पर गति पकड़ रहा है। इसमें कहा गया है उच्च क्षमता उपयोग से भारी पूंजीगत उद्योगों को रफ्तार पकड़ने में मदद मिली है।
लेख में कहा गया है, ‘‘भारतीय रुपये का उतार-चढ़ाव कम हुआ है। मुद्रास्फीति जुलाई के शिखर से नीचे आ गई है जिससे वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई है।’’
सब्जियों और ईंधन की कीमतों में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में सालाना आधार पर घटकर तीन माह के निचले स्तर 5.02 प्रतिशत पर आ गई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 6.83 प्रतिशत और सितंबर, 2022 में 7.41 प्रतिशत पर थी।
जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।
लेख कहता है कि इस साल की तीसरी तिमाही से वैश्विक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। इसकी वजह विनिर्माण गतिविधियों में कमजोरी तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय स्थिति कमजोर होना है। वहीं दूसरी ओर, कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने वृद्धि के मोर्चे पर हैरान करने वाला प्रदर्शन किया है।
इसमें कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम वैश्विक वृद्धि के लिए प्रमुख जोखिम हैं।
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और ये केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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