देश की खबरें | जीएसटी परिषद कर में कटौती की सिफारिश करे तो स्वास्थ्य, जीवन बीमा की लागत कम हो सकती है: सीतारमण

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि अगर जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दर में कमी की सिफारिश करती है, तो पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है।

नयी दिल्ली, दो दिसंबर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि अगर जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दर में कमी की सिफारिश करती है, तो पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जीएसटी परिषद ने 9 सितंबर की अपनी बैठक में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों पर समग्र रूप से विचार करने के लिए मंत्री-समूह (जीओएम) के गठन की सिफारिश की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा का मामला जीओएम के समक्ष लंबित है। अगर जीएसटी परिषद द्वारा जीएसटी दर में कमी की सिफारिश की जाती है, तो जीएसटी में कमी के कारण पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है।’’

उनसे प्रश्न पूछा गया था कि क्या स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में कमी स्वास्थ्य सेवा को अधिक न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक कदम होगा।

सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि बीमा कंपनियां किसी भी जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दें, न कि उन्हें प्रीमियम में वृद्धि के माध्यम से बनाए रखें, इस प्रश्न के उत्तर में सीतारमण ने कहा कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से बीमा की लागत कम होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि जीएसटी दरें बीमा प्रीमियम के ऊपर लागू होती हैं, इसलिए यदि जीएसटी दर कम की जाती है, तो इससे पॉलिसी धारक को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर कई बीमा कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धी बाजार में ऐसा होने की संभावना है, क्योंकि बीमा की लागत उस सीमा तक कम हो जाएगी।’’

वर्तमान में, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी देय है। सीतारमण की अध्यक्षता वाली और राज्यों के वित्त मंत्रियों की सदस्यता वाली जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर को होने वाली है, जिसमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में कमी के संबंध में जीओएम की रिपोर्ट पर चर्चा होने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र और राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा पॉलिसियों से 16,398 करोड़ रुपये जीएसटी जमा किया था। इसमें जीवन बीमा से 8,135 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य बीमा से 8,263 करोड़ रुपये प्रास्त हुए।

साथ ही, पिछले वित्त वर्ष में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर पुनर्बीमा से 2,045 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में जुटाए गए, जिसमें जीवन पर पुनर्बीमा से 561 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा पर 1,484 करोड़ रुपये शामिल हैं।

जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली है, जिसमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी के मुद्दे पर विचार किए जाने की उम्मीद है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर मंत्री-समूह की पहली बैठक 19 अक्टूबर को हुई थी।

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मंत्री-समूह ने टर्म लाइफ बीमा पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर मोटे तौर पर सहमति जताई है।

साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर जीएसटी से छूट दिए जाने का प्रस्ताव है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगी।

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