जरुरी जानकारी | कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर कर रिटर्न भरने की तारीख को और आगे बढ़ाना पड़ सकता है: विशेषज्ञ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कर विभाग अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं और विधायी प्रावधानों के अनुपालन में कर दाताओं की मदद के लिये समयसीमाओं को आगे बढ़ाना पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
नयी दिल्ली, पांच जुलाई कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कर विभाग अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं और विधायी प्रावधानों के अनुपालन में कर दाताओं की मदद के लिये समयसीमाओं को आगे बढ़ाना पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान व्यक्त किया है।
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व परिस्थिति में करदाताओं की मदद के लिये वित्त मंत्रालय के द्वारा किये गये विभिन्न उपायों का स्वागत किया। हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक सामान्य स्थिति नहीं लौट जाती है, कुछ अतिरिक्त उपाय किये जाने की जरूरत है।
कर विभाग ने महामारी तथा इसी रोकथाम के लिये बार-बार लगाये गये लॉकडाउन के समय भी करदाताओं को अनुपालन में मदद करने के लिये विभिन्न समयसीमाओं को आगे बढ़ाया है।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गौरव मोहन ने ब्याज राहत तथा समयसीमाओं को बढ़ाने के माध्यम से दी गयी राहत को लेकर कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिये करदाताओं की मदद के अधिक से अधिक उपायों की आवश्यकता है।’’
देश में कोरोना वायरस के मामले 6.5 लाख से अधिक हो गये हैं और टीका विकसित होने या सामान्य स्थिति बहाल होने में महीनों लग सकते हैं।
टैक्समैन के डीजीएम नवीन वाधवा ने महामारी के मद्देनजर रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाने के सरकार के निर्णय पर कहा, ‘‘सभी करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 जुलाई और 31 अक्टूबर 2020 के स्थान पर 30 नवंबर 2020 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। अत: जिन करदाताओं को पहले 31 जुलाई या 31 अक्टूबर 2020 तक आईटीआर भरना था, वे अब बिना विलंब शुल्क के 30 नवंबर 2020 तक रिटर्न भर सकते हैं।’’
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