देश की खबरें | जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने के लिए नियंत्रण रेखा के पार से लगातार प्रयास किये जा रहे: अधिकारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने और सुरक्षा माहौल को खराब करने का नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से लगातार प्रयास किया जा रहा है क्योंकि शत्रु तत्वों को सामान्य स्थिति रास नहीं आ रही है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही।
श्रीनगर, 27 अक्टूबर जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने और सुरक्षा माहौल को खराब करने का नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से लगातार प्रयास किया जा रहा है क्योंकि शत्रु तत्वों को सामान्य स्थिति रास नहीं आ रही है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही।
जनरल ऑफिसर कमांडिंग (वज्र प्रभाग) मेजर जनरल गिरीश कालिया उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा से लगे इलाके में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन शिकंजा’ को लेकर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर थे।
मेजर जनरल कालिया ने पत्रकारों से कहा कि सुरक्षा बल केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति को बाधित करने के लिए दुश्मन की ओर से किये जाने वाले किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, "कश्मीर में सामान्य स्थिति और समृद्धि शत्रु तत्वों को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि नियंत्रण रेखा के पार से जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने और सुरक्षा माहौल को खराब करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ महीनों में, हमारे जिम्मेदारी वाले संभागीय क्षेत्र में 10 ऐसे प्रयास हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 27 आतंकवादी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद हुए हैं।’’
जीओसी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में नशीले पदार्थ भी बरामद किए हैं जिससे पाकिस्तान में रक्षा प्रतिष्ठानों और आतंकवादी समूहों के बीच गहरी सांठगांठ का पता चलता है। उन्होंने कहा, ‘‘वे घाटी में अशांति पैदा करने और जम्मू कश्मीर की भावी पीढ़ियों को प्रभावित करना चाहते हैं।’’
मेजर जनरल कालिया ने कहा कि सुरक्षा बल पूर्ण तालमेल के साथ काम कर रहे हैं और दृढ़ संकल्प तथा प्रतिबद्धता के साथ कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति को बाधित करने के दुश्मन के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
घुसपैठ रोधी अभियान में शामिल 56 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल रजत बिरमन ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विदेशी आतंकवादियों के एक समूह द्वारा घुसपैठ के प्रयास के संबंध में विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, 25 अक्टूबर की रात को नियंत्रण रेखा के पास माछिल सेक्टर में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी बाड़ के आगे सुरक्षा बलों द्वारा कई घात लगाए गए थे। यह क्षेत्र घने जंगलों वाला है। दुर्गम इलाके और घने वन क्षेत्र का लाभ उठाते हुए, पांच आतंकवादियों के एक समूह ने नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की।’’
उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर को सुबह लगभग 10.10 बजे सतर्क सैनिकों ने घुसपैठ कर रहे आतंकवादियों को रोक लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने गोलीबारी की और भागने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि दिनभर चली भीषण गोलीबारी में, सैनिकों ने दुर्गम इलाके में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए आधुनिक निगरानी उपकरणों और क्वाडकॉप्टर का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि अभियान के परिणामस्वरूप आखिरकार पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के पास से पांच एके सीरीज राइफल सहित बड़ी मात्रा में अन्य सामान बरामद किए गए।
इस बीच, जम्मू में राष्ट्रीय बजरंग दल (आरबीडी) ने कल रात अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के निकट गांवों को निशाना बनाकर अकारण भारी गोलीबारी और गोलाबारी करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उक्त गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान और एक महिला घायल हो गई।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने बृहस्पतिवार रात से जम्मू जिले के अरनिया और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के विभिन्न अग्रिम इलाकों पर लगभग सात घंटे तक भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे।
प्रदेश आरबीडी प्रमुख राकेश कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने शहर में विरोध प्रदर्शन किया और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए। उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के झंडे को भी जलाया।
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