मुंबई, 21 नवंबर बंबई उच्च न्यायालय ने अगस्त में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में गिरफ्तार सलाहकार चेतन पाटिल को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।
सिंधुदुर्ग जिले के मलवान में स्थित 35 फुट की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। इससे करीब नौ महीने पहले नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिमा का अनावरण किया था।
न्यायमूर्ति ए. एस. किलोर की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस मामले में पाटिल को आरोपी बनाए जाने का कोई आधार नहीं है क्योंकि वह प्रतिमा के संरचनात्मक डिजाइनर नहीं थे।
पीठ ने कहा कि पाटिल ने केवल प्रतिमा के आधार की संरचनात्मक स्थिरता के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की थी और प्रतिमा ढहने के बाद भी आधार बरकरार था।
मामले में एक अन्य आरोपी मूर्तिकार और ठेकेदार जयदीप आप्टे को भी गिरफ्तार किया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह आप्टे की जमानत याचिका पर 25 नवंबर को सुनवाई करेगा।
सिंधुदुर्ग पुलिस ने प्रतिमा ढहने के मामले में आप्टे और पाटिल के खिलाफ पिछले महीने लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
सत्र अदालत में याचिका खारिज होने के बाद पाटिल और आप्टे ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)