देश की खबरें | मणिपुर में प्रतिबंधित संगठनों को ‘भुगतान’ के मामले में कानूनी कदम उठाएगी कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि मणिपुर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार द्वारा ‘प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने’ को निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करार दिया है और ऐसे में वह अब कानूनी कदम उठाएगी।
नयी दिल्ली, पांच मार्च कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि मणिपुर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार द्वारा ‘प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने’ को निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करार दिया है और ऐसे में वह अब कानूनी कदम उठाएगी।
मणिपुर के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक जयराम रमेश ने यह भी कहा कि वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग ने गत एक फरवरी और एक मार्च को मणिपुर सरकार की ओर से प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को किए गए भुगतान को आश्चर्यजनक ढंग से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया है। मैं उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रहा हूं।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि लंबे अंतराल के बाद चुनाव के समय भुगतान किया गया और इससे राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव को प्रभावित किया गया है।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस विषय पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जयराम रमेश जी ने चुनाव आयोग के समक्ष मणिपुर में आचार संहिता का उल्लंघन का मामला उठाया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अपने एक आदेश में कहा है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हम इसे लेकर कानूनी कदम उठाएंगे।’’
कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को आयोग के पास इस मुद्दे और कुछ अन्य विषयों को लेकर शिकायत की थी। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद भी शामिल थे।
आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने के बाद रमेश ने कहा था कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ (गतिविधि के निलंबन) के तहत गत एक फरवरी को उग्रवादी संगठनों को लगभग 15 करोड़ रुपये और एक मार्च को लगभग 95 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जो आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 28 फरवरी को हुआ था। दूसरे एवं आखिरी चरण का मतदान शनिवार को संपन्न हुआ। मतगणना 10 मार्च को होगी।
हक
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