देश की खबरें | कांग्रेस ने इंदौर के पास यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे के निपटान के खिलाफ प्रदर्शन किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने रविवार को मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन किया, जहां भोपाल यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान की योजना है। पार्टी ने इसे इंदौर में कैंसर फैलाने की साजिश बताया।
धार (मप्र), 22 दिसंबर कांग्रेस ने रविवार को मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन किया, जहां भोपाल यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान की योजना है। पार्टी ने इसे इंदौर में कैंसर फैलाने की साजिश बताया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीथमपुर में कचरे के निपटान के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया। पीथमपुर इंदौर से लगभग 30 किलोमीटर और जिला मुख्यालय धार से 45 किलोमीटर दूर औद्योगिक शहर है।
यह अपशिष्ट राज्य की राजधानी में स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने में पड़ा है, जहां 2-3 दिसंबर, 1984 की मध्य रात्रि में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) लीक हुई थी। इस घटना में 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और दीर्घकालिक विकलांगताओं से पीड़ित हो गए।
पटवारी ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च किया जा रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार अपने भूमि संबंधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पीथमपुर में जहरीले कचरे को जला रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का यह कृत्य आपराधिक है। सरकार उन लोगों का भविष्य नष्ट करने की कोशिश कर रही है जिन्होंने (उद्योगों के लिए) जमीन उपलब्ध कराई और जिनकी वजह से पीथमपुर की स्थापना हुई। यह उन लोगों के भविष्य और स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है जो देश भर से यहां काम करने आए हैं।’’
उन्होंने कहा कि कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण का असर 100 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले इलाकों पर पड़ेगा। इसका असर यशवंत सागर बांध के पानी पर भी पड़ेगा, जहां से भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को पानी की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह इंदौर में कैंसर फैलाने की साजिश है।’’
गैस रिसाव पीड़ितों के कल्याण के लिए समर्पित ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन’ की रचना ढींगरा ने केंद्र और राज्य सरकारों पर पीथमपुर और उसके आसपास ‘‘धीमी गति वाला भोपाल’’ बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव किया गया है कि यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन खतरनाक कचरे का पीथमपुर में निपटान किया जाएगा। ढींगरा ने कहा कि यह जमीन पर मौजूद कुल कचरे का केवल एक प्रतिशत है और भोपाल कारखाना स्थल पर मिट्टी के भीतर दबाए गए खतरनाक कचरे के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की एक प्रस्तुति का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन कचरे को जलाने के बाद 900 टन अवशेष निकलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यूनियन कार्बाइड को खतरनाक अपशिष्ट को वापस अमेरिका ले जाना चाहिए।’’
ढींगरा ने कहा, ‘‘जब केंद्र ने अदालत से कहा कि 'प्रदूषणकर्ता भुगतान करें' सिद्धांत को लागू किया जाना चाहिए, जिसका मतलब है कि प्रदूषणकर्ता को भुगतान करना होगा, आपको उनसे भुगतान करवाना होगा। लेकिन यहां, पीथमपुर के लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)