नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक मामन खान गिरफ्तार: मोबाइल इंटरनेट निलंबित, धारा 144 लागू
कांग्रेस विधायक मामन खान को 31 जुलाई के नूंह हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गुरुग्राम/चंडीगढ़, 15 सितंबर: कांग्रेस विधायक मामन खान को 31 जुलाई के नूंह हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वहीं, प्रशासन ने जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और दो दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. सांप्रदायिक झड़पों के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में फिरोजपुर झिरका से विधायक खान आरोपी थे। उन्हें बृहस्पतिवार देर रात गिरफ्तार किया गया. प्राथमिकी में धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्व को बढ़ावा देने सहित अन्य आरोप शामिल हैं। नूंह जिले में मुख्य रूप से तीन से चार जगहों पर हिंसा हुई थी.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया ने शुक्रवार को उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के साथ नूंह में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मामन खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी ने कहा कि बड़कली चौक नगीना के आसपास हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के दौरान कुछ आरोपियों से पूछताछ की गई और ‘‘विधायक का नाम सामने आया.’’ कांग्रेस विधायक पर लगे आरोपों के सवाल पर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘नगीना के बड़कली चौक पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटना में उन पर लोगों को भड़काने और हिंसा भड़काने का आरोप है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा कोई सबूत सामने आया है जो नूंह हिंसा के पीछे किसी बड़ी साजिश में विधायक के शामिल होने की ओर इशारा करता है, एसपी ने जवाब दिया, ‘‘अब तक की जांच के दौरान जो विवरण सामने आए हैं, उससे उनकी संलिप्तता का पता चला है.’’ इस सवाल पर कि क्या विधायक हिंसा के दिन नूंह में मौजूद थे, बिजारणिया ने दावा किया कि अब तक जो जानकारी सामने आई है, उससे पता चलता है कि हिंसा होने से कुछ समय पहले वह वहां मौजूद थे. एसपी ने कहा कि बड़कली चौक हिंसा में कई लोग घायल हुए थे, जबकि पुलिस वाहनों सहित सरकारी कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था और एक तेल मिल में आगजनी की गई थी.
उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा के संबंध में अब तक 60 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 330 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने कहा कि इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ संदेश प्रसारित करने वालों के खिलाफ 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पूरे जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई, खासकर नूंह में अदालत परिसर और उसके आसपास, जहां दिन में खान को पुलिस ने पेश किया था. अदालत ने खान को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. वी. एस. एन. प्रसाद ने एक आदेश में कहा कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने संबंधी सेवाओं को शुक्रवार पूर्वाह्न 10 बजे से दो दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है. नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व वाली जलाभिषेक यात्रा पर भीड़ ने हमला किया था. हमले के दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी.
गुरुग्राम में एक मस्जिद पर हुए हमले में एक मौलवी की मौत हो गई थी. हिंसा के बाद एक अगस्त को नूंह के एक थाने में दर्ज इस प्राथमिकी सहित कई अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई। खान को एक अगस्त की प्राथमिकी के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 160 (पुलिस के सामने उनकी उपस्थिति की आवश्यकता) के तहत नोटिस दिया गया था. एक अन्य सवाल पर एसपी ने कहा कि कई आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आयी कि वे सीधे विधायक के संपर्क में थे.
बिजारणिया ने कहा कि नूंह हिंसा के दिन बड़कली चौक नगीना के आसपास आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं की जांच से पता चलता है कि विधायक और युवाओं के बीच संपर्क हो सकता है जो सोशल मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ प्रचार प्रसार में शामिल थे. उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा से जुड़ी हर सोशल मीडिया गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है और गहन जांच की जा रही है। एसपी ने कहा कि कुछ यूट्यूब और टेलीग्राम चैनल सीमा पार से भी गलत और भड़काऊ सूचना प्रसारित कर रहे थे.
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि फिरोजपुर झिरका के विधायक खान की गिरफ्तारी के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में इंटरनेट सेवाएं दो दिन के लिए बंद कर दी गई हैं और अगले आदेश तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जिले में लोगों से शुक्रवार की नमाज अपने घरों में ही अदा करने की अपील की गई. खान ने मंगलवार को अदालत का रुख कर गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग की थी और दावा किया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है और हिंसा भड़कने वाले दिन वह नूंह में नहीं थे। अपनी याचिका में खान ने कहा कि वह 26 जुलाई से एक अगस्त के बीच गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर थे और उन जगहों पर नहीं गए जहां हिंसा हुई थी.
सरकारी वकील ने उच्च न्यायालय को बताया था कि खान और नौ सितंबर को गिरफ्तार किए गए एक अन्य आरोपी तौफीक के फोन कॉल विवरण और ‘लोकेशन’ की जांच की गई थी. वकील ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि 31 जुलाई की हिंसा से एक दिन पहले 29 और 30 जुलाई को उनके बीच बातचीत हुई थी. एक अगस्त को नूंह के नगीना थाने में दर्ज प्राथमिकी में कुल 52 लोगों को आरोपी बनाया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से 42 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को इसी मामले में चंडीगढ़ में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘अगर जांच के दौरान खान की संलिप्तता का पता चला तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.’’
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