कांग्रेस ने शिवाजी महाराज पर टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उनकी उन टिप्पणियों को लेकर वापस बुलाने की रविवार को मांग की, जिसमें उन्होंने मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श के रूप में बताया था.

कांग्रेस (Photo Credits PTI)

बुलढाणा, 20 नवंबर : कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उनकी उन टिप्पणियों को लेकर वापस बुलाने की रविवार को मांग की, जिसमें उन्होंने मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श के रूप में बताया था. पटोले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से माफी की मांग करते हुए दावा किया कि उसके नेता सुधांशु त्रिवेदी ने शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है. पटोले ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ‘वैचारिक रूप से स्वच्छ महाराष्ट्र’ के लिए काम करेगी और वह समाज सुधारकों महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले और छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी.

राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को डी.लिट की उपाधि से नवाजते हुए महाराष्ट्र में ‘आदर्श लोगों’ की बात करते हुए बी आर आंबेडकर और गडकरी का जिक्र किया था तथा कहा था कि छत्रपति शिवाजी ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे. पटोले ने दावा किया कि कोश्यारी ने महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने शिवाजी महाराज पर टिप्पणियों के लिए राज्यपाल पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी यह कहकर छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी कि उन्होंने (शिवाजी महाराज) मुगल बादशाह औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी. पटोले ने कहा, ‘‘इसे सहन नहीं किया जाएगा. भाजपा को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी और राज्यपाल को वापस बुलाना होगा.’’ यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन में मारे गए बहादुरों को सेना ने दी श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता सेनानी वी. डी. सावरकर पर टिप्पणियों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना को लेकर पटोले ने कहा कि राहुल गांधी ने अंग्रेजों से निपटने में प्रतिष्ठित आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और सावरकर की विचारधाराओं के बीच तुलना की थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक वैचारिक तुलना है. राहुल गांधी विवाद पैदा नहीं करना चाहते थे, लेकिन भाजपा ध्यान हटाना चाहती है. राहुल गांधी ने सावरकर (जब वह जेल में थे) की दया याचिका के दस्तावेजी सबूत भी दिखाए थे.’’ कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, ‘‘जिस दिन भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हमारे नेताओं के बारे में झूठ बोलना बंद कर देंगे, हम उनके नेताओं के बारे में सच बताना बंद कर देंगे.’’

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