कांग्रेस और सपा सैद्धांतिक तौर पर कई मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रहे हैं: रणदीप सिंह सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी (सपा) सैद्धांतिक तौर पर देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रही हैं और संविधान तथा देश के लिए उनका ‘डीएनए’ एक ही है. सुरजेवाला की यह टिप्पणी मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच सार्वजनिक कलह के बीच आई है.

Congress Photo Credits PTI

भोपाल, 26 अक्टूबर : कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी (सपा) सैद्धांतिक तौर पर देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों पर साथ मिलकर लड़ रही हैं और संविधान तथा देश के लिए उनका ‘डीएनए’ एक ही है. सुरजेवाला की यह टिप्पणी मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच सार्वजनिक कलह के बीच आई है. दोनों दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भागीदार हैं. उन्होंने कहा कि हम समय-समय पर अपने ‘इंडिया’ गठबंधन के मित्रों से बात करते रहे हैं. कभी-कभी उनके साथ (मुद्दों पर) समन्वय स्थापित हो जाता है और कभी-कभी नहीं भी हो पाता, लेकिन सैद्धांतिक तौर पर और नीतियों के लिहाज से हम देश में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह ऐसा है जैसे एक पिता के चार बेटे हैं और वे सभी अलग-अलग घरों में रहते हैं; लेकिन संविधान और देश के लिए उनका ‘डीएनए’ वही रहेगा. सुरजेवाला ने संवाददाताओं से यह बात तब कही जब उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस का सपा के साथ समझौता नहीं होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त करने को लेकर सवाल किया गया था.

इससे पहले, यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी के नेताओं ने मध्य प्रदेश में एक बैठक के लिए कांग्रेस के कॉल का जवाब नहीं दिया होता अगर उन्हें पता होता कि ‘इंडिया’ गुट राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित है. इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि ‘‘वे अखिलेश-वखिलेश के बारे में बात न करें.’’

सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले एक किलोवाट तक के बकाया बिजली बिलों को माफ करके और फिर उनकी सहमति के बिना स्वीकृत भार को बदलकर राशि की वसूली करके लोगों को धोखा दिया. इस छूट की घोषणा मुख्यमंत्री ने इसी साल अगस्त में नौगांव में एक कार्यक्रम में की थी. सुरजेवाला ने कहा कि चौहान की घोषणा के बाद, बिजली कंपनियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में 80 से 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के स्वीकृत भार को उनकी अनिवार्य सहमति के बिना एक किलोवाट से दो किलोवाट तक बढ़ा दिया, ताकि उनके साथ धोखाधड़ी की जा सके. सुरजेवाला ने दावा किया कि कांग्रेस ने 21 जिलों के 38 डिवीजनों के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि 3,85,953 उपभोक्ताओं का स्वीकृत विद्युत भार बिना उन्हें बताए बदल दिया गया. यह भी पढ़ें : गहलोत, कांग्रेस के अन्य नेता ईडी की कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं: भाजपा

कांग्रेस ने मीडिया के साथ एक पेन ड्राइव भी साझा किया और दावा किया कि इसमें उसके आरोप के समर्थन में विवरण हैं. राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की समिति द्वारा अपनी पाठ्यपुस्तकों में "इंडिया" को "भारत" से बदलने की सिफारिशों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि यह लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की भाजपा की चाल है. उन्होंने कहा कि वे बढ़ती बेरोजगारी और नौकरियां देने के अपने वादे, महंगाई और पटवारी (राजस्व विभाग के कर्मचारी) भर्ती परीक्षा घोटाले सहित अन्य मुद्दों के बारे में कभी बात नहीं करेंगे; वे केवल वही मुद्दे उठाते हैं जिनसे लोगों का ध्यान भटकता है. मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.

Share Now

\