देश की खबरें | कांग्रेस ने फिर साधा अडाणी समूह पर निशाना, जेपीसी जांच की मांग दोहराई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि हाल की कुछ खबरों में हुए खुलासों ने अडाणी समूह और उसके विश्वसनीय लोगों के बीच के घनिष्ठ संबंधों के उस गुप्त नेटवर्क को स्पष्ट रूप से सामने ला दिया जो भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के कानूनों का खुलेआम उल्लंघन करता है।

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि हाल की कुछ खबरों में हुए खुलासों ने अडाणी समूह और उसके विश्वसनीय लोगों के बीच के घनिष्ठ संबंधों के उस गुप्त नेटवर्क को स्पष्ट रूप से सामने ला दिया जो भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के कानूनों का खुलेआम उल्लंघन करता है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस मामले की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही सामने आ सकती है।

अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर करने का आरोप लगाए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर निशाना साध रही है।

अडाणी समूह ने हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है और उसका कहना है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है।

रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘हाल की कुछ खबरों में हुए खुलासों ने अडाणी समूह और अडाणी के विश्वसनीय लोगों के बीच के घनिष्ठ संबंधों के गुप्त नेटवर्क को और स्पष्ट रूप से सामने ला दिया है। यह नेटवर्क न सिर्फ़ कथित तौर पर ‘राउंड-ट्रिपिंग’ और धनशोधन में शामिल है, बल्कि सेबी के कानूनों का खुलेआम उल्लंघन भी करता है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘इन खुलासों में दो नाम सामने आए हैं: चांग चुंग-लिंग और नासिर अली शाबान अहली। चांग और अहली की पहचान बिचौलिए के रूप में हुई है। कथित तौर पर इन्होंने अडाणी द्वारा इंडोनेशिया से भारत में आयात किए गए कोयले की ओवर इनवॉसिंग (बिल बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना) करके लगभग 12,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की है। इस वजह से भारत में बिजली की क़ीमतों में वृद्धि हुई है।’’

कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि चांग और अहली को विदेशी ‘शेल कंपनियों’ के लाभ प्राप्त करने वाले मालिकों के रूप में भी दिखाया गया है तथा सेबी के नियमों का ख़तरनाक ढंग से उल्लंघन करके अडाणी समूह की कंपनियों में बड़े पैमाने पर बेनामी पैसा लगाया गया है।

उन्होंने अडाणी समूह से संबंधित कुछ घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आज कारपोरेट भारत में सबसे बड़ा रहस्य यही है कि आख़िर ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों के बारे में खुलासों और जानकारियों की बाढ़ आने के बावजूद अडाणी समूह, सरकार के विभिन्न एजेंसियों द्वारा किसी भी तरह के मुक़दमे से कैसे बचा हुआ है।’’

रमेश ने आरोप लगाया कि यह बिल्कुल साफ़ है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘अपने क़रीबी मित्र’ की जांच कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के असमर्थ या अनिच्छुक होने पर, इसका उत्तर जेपीसी होना चाहिए।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\