जरुरी जानकारी | कपास उत्पादकों की बेहतरी के लिए सीआईटीआई ने की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ भागीदारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कपड़ा उद्योग के शीर्ष संगठन सीआईटीआई ने कपास किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा और टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है। संगठन ने कपास किसानों के लिए मौलिक सिद्धांत तथा श्रमिकों के अधिकार (एफपीआरडब्ल्यू) को लेकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ भागीदारी की है।
नयी दिल्ली, 14 अगस्त कपड़ा उद्योग के शीर्ष संगठन सीआईटीआई ने कपास किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा और टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है। संगठन ने कपास किसानों के लिए मौलिक सिद्धांत तथा श्रमिकों के अधिकार (एफपीआरडब्ल्यू) को लेकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ भागीदारी की है।
कनफेडरेशन ऑफ इंडिया टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) ने एक बयान में कहा कि परियोजना का शुरुआती चरण मध्य प्रदेश के प्रमुख कपास उत्पादक जिलों पर केंद्रित होगा। इसमें श्रमिकों के अधिकार को लेकर जागरूकता, नीति क्रियान्वयन को लेकर तकनीकी समर्थन तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
यह पहल लगभग 65 लाख कपास किसानों के लिए उपयुक्त श्रम गतिविधियों, सामाजिक सुरक्षा और टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। इन किसानों में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं।
परियोजना के दौरान छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही पट्टे पर ली गयी भूमि पर कपास किसानों के रूप में काम कर रहे प्रवासी श्रमिकों की बेहतरी के लिए भी ध्यान दिया जाएगा।
सीआईटीआई की महासचिव चंद्रिमा बनर्जी ने कहा, ‘‘यह सहयोग हमारे कपास किसानों के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत परिवेश बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एफपीआरडब्ल्यू को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इन मेहनती लोगों को मान्यता के साथ मान-सम्मान मिले और वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में फल-फूल सकें।’’
संगठन के अध्यक्ष राकेश मेहरा ने कहा कि कपास न केवल घरेलू उद्योग का समर्थन करता है बल्कि वैश्विक कपड़ा उद्योग को भी बढ़ावा देता है, जो दुनियाभर के बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करता है।
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