Oral Covid vaccine: चीन ने मुंह के जरिए ली जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन शुरू की
शहर के एक आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक घोषणा के अनुसार, इस टीके को मुंह के जरिये लिया जाता है और इसे पहले से टीका लगवा चुके व्यक्तियों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में मुफ्त में दिया जा रहा है.
शहर के एक आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई एक घोषणा के अनुसार, इस टीके को मुंह के जरिये लिया जाता है और इसे पहले से टीका लगवा चुके व्यक्तियों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में मुफ्त में दिया जा रहा है. ‘सूई-मुक्त’ टीके के लिए उन लोगों को राजी किया जा सकता है जिन्हें सूई के रूप में टीके लगवाना पसंद नहीं है. इससे गरीब देशों में टीकाकरण का दायरा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. चीन के पास टीके का जनादेश नहीं है, लेकिन वह चाहता है कि कोविड-19 महामारी के प्रतिबंधों में ढील दिये जाने से पहले उसके अधिक से अधिक नागरिकों को बूस्टर टीके की खुराक लग जाये. इस महामारी के कारण चीन की अर्थव्यवस्था ठहरी हुई सी है और वह शेष दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल पाने की स्थिति में असहज महसूस कर रहा है.
चीन के सरकारी ऑनलाइन मीडिया आउटलेट द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों को एक पारभासी सफेद कप के छोटे नोजल को अपने मुंह में चिपकाते हुए दिखाया गया है. साथ में दी गयी विषय-वस्तु में लिखा गया है कि धीरे-धीरे सांस लेने के बाद एक व्यक्ति ने पांच सेकेंड के लिए अपनी सांस रोक कर रखी और पूरी प्रक्रिया 20 सेकंड में पूरी हो गई. शंघाई के एक निवासी ने वीडियो में कहा, ‘‘यह एक कप दूध की चाय पीने जैसा था. जब मैंने इसमें सांस ली, तो इसका स्वाद थोड़ा मीठा था.’’ एक विशेषज्ञ ने कहा कि मुंह में लिया गया एक टीका भी श्वसन प्रणाली के बाकी हिस्सों तक पहुंचने से पहले वायरस को रोक सकता है, हालांकि यह बूंदों के आकार पर निर्भर करेगा. यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, लश्कर आतंकवादी मारा गया
भारत में एक प्रतिरक्षा विज्ञानी डॉ. विनीता बल ने कहा कि बड़ी बूंदें मुंह और गले के कुछ हिस्सों में प्रतिरक्षा करेंगी, जबकि छोटी बूंदें शरीर में आगे जाएंगी. चीनी नियामकों ने सितंबर में बूस्टर के रूप में इस्तेमाल के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी थी. इसे चीनी बायोफर्मास्यूटिकल कंपनी ‘कैन्सिनो बायोलॉजिक्स इंक’ द्वारा विकसित किया गया था. कैन्सिनो ने कहा है कि इस तरह की वैक्सीन चीन, हंगरी, पाकिस्तान, मलेशिया, अर्जेंटीना और मैक्सिको में क्लिनिकल परीक्षण से गुजर चुकी है.