विदेश की खबरें | चीन अमेरिकी हितों को खतरे में डालने में सर्वाधिक सक्षम: खुफिया रिपोर्ट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. चीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘सबसे व्यापक और मजबूत सैन्य खतरा’ होने के साथ अमेरिकी सरकार, निजी क्षेत्र और अहम बुनियादी ढांचा नेटवर्क के लिए सबसे सक्रिय और सतत ‘साइबर खतरा’ बना हुआ है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

विदेश की खबरें | चीन अमेरिकी हितों को खतरे में डालने में सर्वाधिक सक्षम: खुफिया रिपोर्ट
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 26 मार्च चीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘सबसे व्यापक और मजबूत सैन्य खतरा’ होने के साथ अमेरिकी सरकार, निजी क्षेत्र और अहम बुनियादी ढांचा नेटवर्क के लिए सबसे सक्रिय और सतत ‘साइबर खतरा’ बना हुआ है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

मंगलवार को जारी ‘वर्ष 2025 वार्षिक खतरा आकलन (एटीए)’ रिपोर्ट, अमेरिकी नागरिकों, मातृभूमि और दुनिया में अमेरिकी हितों के लिए खतरों की एक शृंखला का खुफिया समुदाय (आईसी) का आधिकारिक, समन्वित मूल्यांकन है।

चीन के अलावा, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया को उन प्रमुख देशों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है जो दुनियाभर में अमेरिका और अमेरिकी हितों के लिए खतरा पैदा करते हैं, जबकि भारत को चीन के साथ अवैध फेंटेनाइल के मूलभूत रसायनों और गोली बनाने वाले उपकरणों के प्राथमिक स्रोत के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस यूक्रेन में चल रहे युद्ध को ‘पश्चिम के साथ एक छद्म संघर्ष’ के रूप में देखता है, और ‘युद्ध के स्वीकार्य समापन से जुड़े अमेरिकी प्रयासों के लिए तात्कालिकता और जटिलताओं दोनों’ की ओर इशारा करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘चीन वैश्विक स्तर पर अमेरिकी हितों को खतरे में डालने में सबसे सक्षम देश के रूप में सामने आता है, हालांकि यह रूस, ईरान और उत्तर कोरिया की तुलना में बहुत अधिक आक्रामक और विघटनकारी होकर दुनिया में अपनी आर्थिक और कूटनीतिक छवि को जोखिम में डालने के लिहाज से अधिक सतर्क है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चीन ने जबरदस्त साइबर क्षमताओं के माध्यम से अमेरिकी बुनियादी ढांचे को कमजोर करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिसका उपयोग वह अमेरिका के साथ संघर्ष के दौरान कर सकता है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘बीजिंग अपनी पारंपरिक सैन्य क्षमताओं और रणनीतिक ताकतों को मजबूत करना जारी रखेगा, अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा को तेज करेगा और अमेरिकी आर्थिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी औद्योगिक और प्रौद्योगिकी-गहन आर्थिक रणनीति को बनाए रखेगा।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे व्यापक और मजबूत सैन्य खतरा है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एक संयुक्त बल को तैनात कर रही है जो क्षेत्रीय आकस्मिकता की स्थिति में अमेरिका द्वारा हस्तक्षेप को चुनौती देने, वैश्विक स्तर पर शक्ति का प्रदर्शन करने और उन क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए पूर्ण युद्ध में सक्षम है जिसे बीजिंग अपना संप्रभु क्षेत्र होने का दावा करता है।’’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के सैन्य आधुनिकीकरण प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा ‘‘प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगी सैन्य अभियानों के सभी पहलुओं के खिलाफ जवाबी हस्तक्षेप क्षमताओं को विकसित करने पर केंद्रित है। इसमें कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के पास गुआम, हवाई और अलास्का सहित पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के सीमांत क्षेत्रों पर पारंपरिक हथियारों से लंबी दूरी तक सटीक हमले करने की क्षमता है।

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