जरुरी जानकारी | चीन भारत के लिए निवेश जुटाने का बेहद अहम स्रोतः नीलकंठ मिश्रा

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मुंबई, 10 जनवरी एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री नीलकंठ मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि चीन मौजूदा आर्थिक हालात में भारत के लिए निवेश जुटाने का बेहद अहम स्रोत हो सकता है।

मिश्रा ने 1980 के दशक के जापान से तुलना करते हुए कहा कि चीन में सरकारी बॉन्डों पर एक प्रतिशत की बहुत कम ब्याज दर और नकारात्मक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के कारण बहुत अधिक पूंजी ‘बाहर निकलेगी।’

हालांकि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) के अंशकालिक सदस्य मिश्रा ने यह स्वीकार किया कि भारत और चीन के बीच ठंडे संबंधों को देखते हुए यह संवेदनशील मसला है। उन्होंने चीन से प्रवाह को प्रतिबंधित करने के प्रयास में 2020 के ‘प्रेस नोट 3’ की ओर भी इशारा किया।

मिश्रा ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रवर्तित एनआईएसएम के एक सम्मेलन में कहा, “पहले से ही चाइना लाइट एंड पावर जैसी कंपनियां हैं जो भारत में बिजली संयंत्रों की मालिक है। ऐसा नहीं है कि हमने ऐसा नहीं देखा है लेकिन (चीन) पूंजी का एक बहुत महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है।”

मिश्रा ने कहा कि 1980 के दशक में जापान पर बहुत आक्रामक होने का आरोप लगाया गया था और इस बात की भी चिंता जताई गई थी कि यह देश नौकरियां छीन रहा है।

मिश्रा ने कहा कि जापान उस समय मैक्सिको, थाईलैंड और भारत जैसे बाजारों में निवेश कर रहा था और मारुति सुजुकी भी उसी समय आई थी।

उन्होंने कहा, “चूंकि हम पूंजी प्रवाह और कड़ी वित्तीय स्थितियों के संदर्भ में एक अधिक प्रतिस्पर्धी विश्व के बारे में सोचते हैं, तो मुझे लगता है कि इस तरह के समानांतर ढांचे (जैसे चीन से निवेश) वास्तव में हमें आगे बढ़ने में मदद करेंगे।”

मिश्रा ने कहा कि जब मुद्रा पर दबाव होता है तो देश अपनी अर्थव्यवस्था को धीमा कर देते हैं, लेकिन उन्होंने भारत को ऐसा रुख अपनाने से मना किया।

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