देश की खबरें | किसानों के हितों की रक्षा नहीं करने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तीफा दें : सुरजेवाला
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार पर किसानों और मजदूरों के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुये कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पद छोड़ देना चाहिये ।
जींद, तीन अक्टूबर हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार पर किसानों और मजदूरों के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुये कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पद छोड़ देना चाहिये ।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘भाजपा का किसान, मजदूर विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है। हर दिन नए-नए षडय़ंत्रकारी मनसूबों से प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार किसानों, मजदूरों के पेटों पर लात मार रही है।’’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसे हथकंडो के पीछे मुख्य उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री किसानों तथा मजदूरों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो उन्हें उनके पदों को छोड़ देना चाहिए।’’
सुरजेवाला ने अनाज मंडी में धान की आवक का जायजा लेने के बाद रविवार को अनाज मंडी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसानों, मजदूरों के हितों के साथ कुठाराघात कर रही है। ये अब किसानों तथा आढ़तियों के बीच झगड़ा करवाने की तैयारी में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पहले से आंदोलन कर रहा है और अब धान तथा बाजरा खरीद में भी अड़ंगा डाल दिया है। 25 सितंबर से धान तथा बाजरे की खरीद होनी चाहिए थी जो शुरू ही नहीं हुई बल्कि इसके विपरित 11 अक्टूबर निर्धारित कर दी गई, जब किसानों ने विरोध किया, तो तीन अक्टूबर से खरीद की घोषणा कर दी गई लेकिन धान खरीद के मापदंड सरकार ने अब भी तय नहीं किए।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘धान के लिए नमी 17 प्रतिशत निर्धारित की गई है जबकि हरियाणा में नमी की मात्रा 22.7 है, तो इतनी ज्यादा नमी में फसल कौन खरीदेगा। सरकार का मुख्य लक्ष्य एमएसपी को खत्म करना है।’’
उन्होंने दावा किया कि हरियाणा की मंडियों में 22 लाख क्विंटल से अधिक खुले में पड़ा हुआ है और इसी प्रकार भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी आक्रमण किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले मजदूरी के रेट 12 रुपये 76 पैसे प्रति बैग थे जिसे घटा कर 8 रुपये 56 पैसे कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार किसानों से 25 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की बात कही गई है जबकि पूर्व में यह 33 क्विंटल प्रति एकड़ थी और अब सवाल पैदा यह होता है कि अधिक उपज होने पर किसान उसे कहां लेकर जाएगा।
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