ताजा खबरें | छत्तीसगढ़: बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच 67 फीसदी से अधिक मतदान
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को 67.56 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला।
रायपुर,19 अप्रैल लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को 67.56 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने यह जानकारी दी।
क्षेत्र में ‘अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल)’ का गोला दुर्घटनावश फट जाने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक जवान की मौत भी हो गयी।
अधिकारियों ने बताया कि बस्तर निर्वाचन क्षेत्र में शुक्रवार को मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और क्षेत्र से माओवादी हिंसा की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई।
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि अबतक 67.56 प्रतिशत का मतदान दर्ज किया गया है, लेकिन यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई बूथ से अंतिम डेटा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र में 66.04 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। उनमें से कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा तथा जगदलपुर के 72 मतदान केंद्र में मतदाताओं ने सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान किया।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बस्तर और जगदलपुर के शेष 175 मतदान केंद्रों में शाम पांच बजे तक मतदान हुआ।
क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए 60 हजार से अधिक राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि 56 गांवों के निवासियों ने पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने गांव में बने मतदान केंद्रों पर वोट डाला।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया, “ बस्तर सीट पर आम चुनाव का प्रारंभिक कार्य शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो गया। अब हमारा ध्यान मतदान दलों की सुरक्षित तरीके से वापसी है।”
सुंदरराज ने बताया कि ज्यादातर मतदान दल अपने-अपने जिला मुख्यालयों के स्ट्रांग रूम में वापस लौट आए हैं तथा शेष दलों के भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि बीजापुर में दो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को छोड़कर पहले चरण के चुनाव के दौरान कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई।
पुलिस अधिकारी ने बताया, "स्थानीय प्रशासन, राज्य पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और पड़ोसी राज्यों के बलों के समन्वित प्रयास से बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ।''
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ''बैलेट और बुलेट" की इस लड़ाई में अंततः बैलेट सफल, सार्थक और शक्तिशाली बनकर उभरेगा।''
उन्होंने कहा, ''माओवादियों द्वारा बार-बार बहिष्कार और धमकी भरे आह्वान के बावजूद, बस्तर के लोगों में बहुत उत्साह और प्रतिबद्धता थी, जो बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचे।"
पुलिस के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में चार मुठभेड़ें हुई थीं जिनमें चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे।
उन्होंने बताया कि इस बार इनमें से किसी भी स्थान पर सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच कोई मुठभेड़ नहीं हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में एक यूबीजीएल गोला दुर्घटनावश फट गया जिससे चुनाव सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों का दल उसूर थाना क्षेत्र के गलगम गांव में एक मतदान केंद्र के पास अभियान पर निकला था।
अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में सीआरपीएफ की 196 वीं बटालियन के आरक्षक देवेंद्र कुमार को गंभीर चोटें आईं थी तथा कुमार को इलाज के लिए जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सहायक कमांडेंट घायल हो गया।
यह घटना भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के तहत चिहका मतदान केंद्र के पास उस वक्त हुई जब सुरक्षा कर्मियों का एक दल मतदान को देखते हुए इलाके में नक्सल विरोधी अभियान पर निकला था।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सीआरपीएफ की 62 वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट मनु एचसी प्रेशर बम के संपर्क में आ गए, जिससे बम में विस्फोट हो गया और उनका बायां पैर तथा हाथ घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिलों के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। बुजुर्ग मतदाता, जिनमें से कुछ व्हीलचेयर पर थे, भी वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे।
नवविवाहित जोड़े देवेश ठाकुर और गंगोत्री ठाकुर जब अपनी शादी की पोशाक में नारायणपुर जिले के गुरिया मतदान केंद्र पर मतदान करने आए तो सभी की निगाहें उन पर टिकी रहीं।
बस्तर जिले के अंदरूनी गांव चांदामेटा के मतदान केंद्र में नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को नकारते हुए ग्रामीण वोट डालने के लिए कतार में खड़े देखे गए।
दंतेवाड़ा जिले के बालूद मतदान केंद्र पर पर्यावरण संरक्षण की थीम रखी गई थी। जहां अधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मतदाताओं को पौधे दिए।
बस्तर क्षेत्र में कुल 14,72,207 मतदाता हैं, जिनमें से 7,71,679 महिला और 7,00,476 पुरुष एवं 52 तृतीय लिंग के हैं।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 1,961 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें से 61 को अतिसंवेदनशील और 196 को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला यहां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस के मध्य है।
साल 2000 में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाए जाने के बाद नक्सल प्रभावित इस लोकसभा क्षेत्र में 2004, 2009 और 2014 में भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई थी। लेकिन 2019 में यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक बैज पर भरोसा जताया था।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार सत्ताधारी दल भाजपा ने एक नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है। बैज कांग्रेस के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
राज्य की 11 लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान होगा।
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