देश की खबरें | छत्तीसगढ़: डेयरी और वन उपज विकास के लिए समझौते पर हुए हस्ताक्षर
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रायपुर, 16 दिसंबर छत्तीसगढ़ में डेयरी और वन उपज विकास के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में डेयरी व वन उपज विकास को गति देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है।
उन्होंने कहा कि यहां न पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की।
शाह ने कहा कि आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की और आज (सोमवार) इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई व सकारात्मक शुरुआत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
शाह ने कहा कि ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं और ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।
शाह ने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।
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