केंद्र को आंध्र प्रदेश, बिहार की विशेष राज्य की मांग पर सावधानी से विचार करने की जरूरत: राजीव कुमार
केंद्र सरकार को आंध्र प्रदेश और बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही.
नयी दिल्ली, 23 जून : केंद्र सरकार को आंध्र प्रदेश और बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में इस बारे में फैसला करने से एक मिसाल कायम हो सकती है और केंद्र के वित्तीय संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है.
आंध्र प्रदेश 2014 में अपने विभाजन के बाद से राजस्व हानि के आधार पर विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहा है. उसका कहना है कि हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बन गया है, इसलिए उसे राजस्व का नुकसान हो रहा है. बिहार भी 2005 से विशेष दर्जे की मांग कर रहा है, जब नीतीश कुमार ने इसके मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वर्ष 2000 में खनिज समृद्ध झारखंड को इससे अलग कर दिए जाने के बाद राज्य को राजस्व का नुकसान हुआ. यह भी पढ़ें : Bihar Bridge Under Construction Collapsed: बिहार में एक सप्ताह से भी कम समय में तीसरा निर्माणाधीन पुल ढहा
उन्होंने एक वीडियो साक्षात्कार में पीटीआई- को बताया, ‘‘विशेष श्रेणी के दर्जे (एससीएस) की मांग वे (बिहार और आंध्र प्रदेश) लंबे समय से कर रहे हैं... यह एक ऐसी मांग है जिसपर बहुत सावधानी से विचार करने की जरूरत है. इसके लिए उन आर्थिक मापदंडों की विस्तार से जांच करनी होगी, जिनके आधार पर यह मांग की जा रही है.''