देश की खबरें | केंद्र यूजीसी नियमों के जरिये राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को ‘कमजोर’ कर रहा: विजयन का आरोप

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नवीनतम मसौदा नियमों का उल्लेख करते हुए मंगलवार को केंद्र और यूजीसी पर उच्च शिक्षा संस्थानों को ‘अस्थिर करने के प्रयास’ का आरोप लगाया।

देश की खबरें | केंद्र यूजीसी नियमों के जरिये राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को ‘कमजोर’ कर रहा: विजयन का आरोप

कोच्चि, 14 जनवरी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नवीनतम मसौदा नियमों का उल्लेख करते हुए मंगलवार को केंद्र और यूजीसी पर उच्च शिक्षा संस्थानों को ‘अस्थिर करने के प्रयास’ का आरोप लगाया।

विजयन ने कहा कि ये नियम राज्य विश्वविद्यालयों की ‘स्वायत्तता को खतरे में डालते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचित विधानसभाओं द्वारा बनाए गए अधिनियमों के जरिये राज्य विश्वविद्यालयों की दी गई ‘स्वतंत्रता’ को ये नियम कमजोर करते हैं।

विजयन ने यहां राज्य उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अगली पीढ़ी की उच्च शिक्षा पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद ये टिप्पणियां की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान स्पष्ट किया कि शिक्षकों की नियुक्तियों या इसी तरह के अन्य मामलों के लिए न्यूनतम योग्यता तय करने को लेकर राज्य का कोई विरोध नहीं है और वह ऐसे (मसौदा) नियमों का पूरी तरह से पालन करता है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि यूजीसी का ‘‘इस तरह से अपनी सीमाओं को लांघना अस्वीकार्य है।’’

उन्होंने कहा कि अधिकांश विश्वविद्यालयों को केंद्र से न्यूनतम अनुदान मिलता है और इन्हें राज्य के संसाधनों द्वारा वित्त-पोषित किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना चिंताजनक और निराशाजनक है कि केंद्र सरकार और यूजीसी राज्य सरकार के तहत इन संस्थानों को अस्थिर करने के उद्देश्य से एक दृष्टिकोण अपना रहे हैं।’’

विजयन ने कहा, ‘‘इसका एक प्रमुख उदाहरण यूजीसी के नवीनतम (मसौदा) नियम हैं जो राज्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को खतरे में डालते हैं।’’

वामपंथी दिग्गज ने केंद्र सरकार और यूजीसी से शिक्षा से संबंधित मामलों में विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और राज्य सरकारों के अधिकारों का सम्मान करने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने ‘मसौदा यूजीसी रेगुलेशन 2025’ की आलोचना करने के कुछ दिनों बाद यूजीसी के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए दावा किया कि ये नियम कुलपतियों की नियुक्ति के राज्यों के अधिकारों को छीन लेते हैं और कुलपतियों को अनियंत्रित शक्तियां प्रदान करते हैं।

यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के बरकरार रखने के उपाय) विनियम, 2025 का मसौदा पिछले सप्ताह जारी किया गया था।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, मसौदा दिशानिर्देशों का उद्देश्य विश्वविद्यालयों को अपने संस्थानों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति में लचीलापन प्रदान करना है।

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