देश की खबरें | केंद्र ने राज्यों को अस्पतालों में ऑक्सीजन, जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक तेजी से वृद्धि होने के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में चिकित्सा उपयोग वाला तरल ऑक्सीजन(एलएमओ), ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर जैसे जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
नयी दिल्ली, 24 दिसंबर कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक तेजी से वृद्धि होने के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में चिकित्सा उपयोग वाला तरल ऑक्सीजन(एलएमओ), ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर जैसे जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र पूरी तरह से चालू रखे जाएं और उनकी जांच के लिए नियमित ‘मॉक ड्रिल’ की जाए।
सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इन चिकित्सा सुविधाओं का संचालनात्मक स्थिति में रहना और उनकी देखरेख की जानी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हालांकि, देश में संक्रमण के मामलों की संख्या अभी कम है।
अगनानी ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण संसाधन है, खासतौर पर महामारी के दौरान और मरीजों की जान बचाने के लिए निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति की जरूरत है।
पत्र में, अधिकारी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव/प्रधान सचिव, सचिव(स्वास्थ्य) को संबद्ध विभागों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि पीएसए संयंत्र को पूर्ण रूप से चालू हालत में रखा जाए और उनकी जांच के लिए नियमित रूप से ‘मॉक ड्रिल’ की जाए।
राज्यों से वेंटिलेटर सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि ऑक्सीजन से जुड़ी समस्याओं एवं चुनौतियों के शीघ्र समाधान के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष को भी फिर सक्रिय किया जाए।
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