देश की खबरें | राज्यों को जीएसटी के मुआवजे का पूरा और समय से भुगतान करे केंद्र सरकार: कांग्रेस
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नयी दिल्ली, 25 अगस्त कांग्रेस ने 27 अगस्त को होने जा रही जीएसटी परिषद की अगली बैठक से पहले मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे का पूरा एवं समय से भुगतान करना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने यह सवाल भी किया कि अगर केंद्र सरकार जीएसटी के मुआवजे के भुगतान के अपने वादे पर अमल नहीं कर सकती तो फिर वह किस आधार पर सहयोगात्मक संघवाद की बात करती है?
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021 में राज्यों को छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन करने के कारण इतने बड़े पैमाने पर नुकसान होने जा रहा है।’’
गौड़ा ने कोरोना वायरस संकट के कारण राज्यों को हुए नुकसान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह मुश्किल समय है। हमारी मांग है कि सरकार राज्यों को मुआवजे की पूरी राशि दे और समय पर दे।’’
उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि कर्ज लेने की जरूरत को भी केंद्र द्वारा पूरा किया जाए और जीएसटी मुआवजा उपकर के संग्रह की मियाद पांच साल से बढ़ाकर 10 साल की जाए।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद के 5 साल तक किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है। राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है।
पंजाब के वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता मनप्रीत बादल ने कहा, ‘‘हिंदुस्तान में पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के पलायन के जो काफ़िले देखे गए, वैसे मंजर हमने पंजाब में देखे थे जब देश का बंटवारा हुआ था। ऐसे हालात में केंद्र सरकार को राज्यों की स्थिति को समझना चाहिए।’’
उनके मुताबिक, पंजाब का केंद्र सरकार पर जीएसटी का 4400 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के वेतन पर 1800 करोड़ रुपये खर्च होता है। ऐसे स्थिति में राज्य चलाना मुश्किल है।
बादल ने कहा कि सरकार को राज्यों को जीएसटी के बकाये की राशि तत्काल देनी चाहिए।
हक
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