देश की खबरें | कैंसर के मरीज : समय से कराएं इलाज, कीमो के बाद डाक्टर की सलाह से लगवाएं कोविड का टीका
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कोविड-19 का टीका आने के बाद हर ओर छाया इस जानलेवा बीमारी का ‘कुहासा’ जैसे छंटने लगा है और पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय के ‘ग्रहण’ के बाद रौशनी की किरण दिखाई दी है। हमारे देश में टीका लगाने का अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी होने के बावजूद कैंसर के मरीजों को इसे लगवाने में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है और डाक्टरों का कहना है कि कीमाथैरेपी पर चल रहे लोगों को कीमो पूरी होने का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद डाक्टर की सलाह पर ही कोविड का टीका लगवाना चाहिए।
नयी दिल्ली, 3 फरवरी कोविड-19 का टीका आने के बाद हर ओर छाया इस जानलेवा बीमारी का ‘कुहासा’ जैसे छंटने लगा है और पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय के ‘ग्रहण’ के बाद रौशनी की किरण दिखाई दी है। हमारे देश में टीका लगाने का अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी होने के बावजूद कैंसर के मरीजों को इसे लगवाने में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है और डाक्टरों का कहना है कि कीमाथैरेपी पर चल रहे लोगों को कीमो पूरी होने का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद डाक्टर की सलाह पर ही कोविड का टीका लगवाना चाहिए।
महामारी के इस दौर में जब संक्रमण का डर हर ओर व्याप्त था, गंभीर एवं पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए नियमित रूप से अस्पताल जाने वाले लोग एक नयी बीमारी लगने के डर से महीनों तक अपने घरों में कैद रहे। पत्रिका लांसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर के मरीज अस्पताल जाने से बचने के लिए सर्जरी और कीमो टालते रहे ओर दवाएं खाकर संकट का समय गुजर जाने का इंतजार करते रहे। हालांकि अब समय बदलने लगा है और दिल्ली स्थित एक्शन कैंसर अस्पताल में मेडिकल आंकोलोजी के विभागाध्यक्ष और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जे बी शर्मा के मुताबिक कोविड-19 के डर से कीमो और रेडियोथेरेपी के लिए आने वाले रोगियों की तादाद, जो एक समय घटकर 30 प्रतिशत रह गई थी, अब एक बार फिर 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड संक्रमण का जोखिम एक सामान्य व्यक्ति और कैंसर पीड़ित व्यक्ति में लगभग सामान ही होता है लेकिन संक्रमण की चपेट में आने के बाद उसके गंभीर होने का जोखिम कैंसर के मरीज़ में अधिक होता है। ऐसे में उन्हें निश्चित रूप से अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है। इसी तरह कोविड-19 की वैक्सीन लगवाते समय भी कैंसर के मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह देते हुए डा. शर्मा कहते हैं कि जो लोग कीमोथेरेपी पर चल रहे हैं, उन्हें कीमो पूरी होने तक वैक्सीन लगवाने का इंतज़ार करना चाहिए और संबंधित डॉक्टर की सलाह पर कोविड वैक्सीन लगवानी चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पतालों के डिपार्टमेंट ऑफ रेडिएशन आंकोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर का कहना है कि कैंसर के मरीजों को कोविड के संदर्भ में अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी जैसी उपचार पद्धतियों पर चल रहे मरीजों की इम्युनिटी प्रभावित होती है और ऐसे में डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए हिदायतें बढ़ जाती हैं। कोविड से संबंधित नियमों का पूरी तरह से पालन करें और किसी भी तरह की असहजता होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। संक्रमण के डर से अस्पताल न जाने पर जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि कोविड संबंधी नियमों का पालन करते हुए अस्पताल जरूर जाएं और इलाज समय पर पूरा करें।
दिल्ली के हीधर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल की क्लिनिकल लीड और सीनियर कंसल्टेंट आंकोलॉजी और रेडिएशन आंकोलॉजी डॉ. कनिका सूद शर्मा का कहना है कि कोविड संक्रमण के डर के कारण अस्पताल न आना और कैंसर के इलाज में देरी करना ठीक नहीं है क्योंकि जितना इलाज टलता जाएगा, कैंसर की गंभीरता उतनी ही बढ़ती जाएगी और ठीक होने की गुंजाइश कम होती जायेगी। कोविड से संक्रमित हो चुके कैंसर के मरीज़ों में सही समय पर इलाज मिलने पर सकारात्मक परिणाम की संभावना अधिक रहती है।
नारायणा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में रेडिएशन आंकोलॉजी में डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. इंदु बंसल का कहना है कि कैंसर के मरीज़ की इम्यूनिटी तुलनात्मक रूप से कम होती है इसलिए उनमें कोविड के साथ साथ किसी भी संक्रमण के गंभीर होने का जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन संक्रमण के डर से इलाज बीच में छोड़ देना न केवल नासमझी है बल्कि बेहद ख़तरनाक भी है। हालांकि बार बार और बहुत से लोगों को साथ लेकर अस्पताल आने से बचें और जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करें।
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