देश की खबरें | प. बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव; दो सीटों पर भाजपा के लिये प्रतिष्ठा की लड़ाई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर शनिवार को होने वाले उपचुनावों में सबकी निगाहें दिनहाटा सीट पर होंगी क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता उदयन गुहा इस सीट पर फिर से जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अप्रैल में हुए चुनाव में भाजपा ने उनसे छीन ली थी।
कोलकाता, 29 अक्टूबर पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर शनिवार को होने वाले उपचुनावों में सबकी निगाहें दिनहाटा सीट पर होंगी क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता उदयन गुहा इस सीट पर फिर से जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अप्रैल में हुए चुनाव में भाजपा ने उनसे छीन ली थी।
दो बार विधायक रह चुके गुहा ने 2011 में फॉरवर्ड ब्लॉक और 2016 में टीएमसी के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार अशोक मंडल से है, जिन्होंने 2006 में टीएमसी उम्मीदवार के तौर पर उन्हें हराया था।
अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में दिनहाटा से जीत हासिल करने वाले और अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने अपनी लोकसभा सदस्यता बरकरार रखते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते इस सीट पर दोबारा चुनाव हो रहा है। प्रमाणिक ने विधानसभा चुनाव में गुहा को 57 मतों को मामूली अंतर से हराया था।
इनके अलावा जिन तीन सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है, उनमें नदिया जिले की शांतिपुर, उत्तर 24 परगना की खरदा और दक्षिण 24 परगना की गोसाबा सीट शामिल है।
शांतिपुर में भी, भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी। भाजपा ने इस सीट पर बृजकिशोर गोस्वामी को उम्मीदवार बनाया है। गोस्वामी का मुकाबला टीएमसी के उम्मीदवार निरंजन बिस्वास से है।
दिनहाटा और शांतिपुर उपचुनाव भगवा पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, जो वर्तमान में विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के पार्टी बदलने की समस्या से जूझ रही है।
दो अन्य सीटों पर विजयी उम्मीदवारों के निधन के चलते उपचुनाव हो रहा है।
राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय खरदा सीट से टीएमसी उम्मीदवार हैं, जहां टीएमसी उम्मीदवार काजल सिन्हा की मतदान के कुछ ही दिनों बाद कोविड -19 के कारण मृत्यु हो गई थी।
चट्टोपाध्याय विधानसभा चुनाव में भवानीपुर सीट से जीते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नंदीग्राम से हार के बाद उन्होंने यह सीट बनर्जी के लिये खाली कर दी थी। उपचुनाव में उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार जॉय साहा से है।
गोसाबा सीट से टीएमसी के टिकट पर जीत हासिल करने वाले जयंत नासकर की भी कोविड-19 के कारण मौत हो गई थी। टीएमसी ने उपचुनाव में सुब्रत मंडल को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला भाजपा के पलाश राहा से है।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के अलावा, वरिष्ठ सांसद सौगत राय और परिवहन मंत्री फरहाद हकीम ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
उन्होंने भगवा पार्टी के कथित सांप्रदायिक एजेंडे और ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि की आलोचना करते हुए, पिछले एक दशक में टीएमसी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
इसी तरह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष सहित भाजपा नेताओं ने टीएमसी पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर ''चुप्पी'' साधने को लेकर निशाना साधा और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)