कोलकाता, 15 दिसंबर : संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा के बड़े भाई शंभू झा ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूरा परिवार अब भी सदमे में है. ललित को बृहस्पतिवार शाम को नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. ललित एक व्यक्ति के साथ राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया. शंभू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि वह इन सब में कैसे शामिल हुआ. वह हमेशा झगड़ों से दूर रहता था. वह बचपन से ही शांत और चुप रहने वाला व्यक्ति था और किसी से कम घुलता-मिलता था. हमें पता है कि वह निजी शिक्षक होने के अलावा एनजीओ से जुड़ा हुआ था और हम टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर वाकई स्तब्ध हैं.’’
बुधवार रात से ही शंभू के पास लगातार फोन आ रहे हैं और पुलिस तथा रिश्तेदार दोनों ही झा के बारे में पूछ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आखिरी बार उसे 10 दिसंबर को देखा था जब हम बिहार में अपने गृह नगर रवाना हुए थे. वह सियालदाह स्टेशन पर हमें छोड़ने आया था. अगले दिन उसने हमें फोन किया और कहा कि वह कुछ निजी काम से नयी दिल्ली जा रहा है. हमारी आखिरी बार उससे तभी बात हुई थी.’’ ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं. उन्होंने उसे अपने तक सीमित रहने वाला इंसान बताया जो कोलकाता के बड़ाबाजार में लोगों के कभी-कभार ही घुलता-मिलता था. यह भी पढ़ें : Kerala Shocker: सास की बेरहमी से की पिटाई, वीडियो वायरल होने के बाद बहू गिरफ्तार
बाद में परिवार उत्तर 24 परगना जिले के बागुइती में रहने चला गया था. बड़ाबाजार इलाके के रबींद्र सरानी में चाय का ठेला लगाने वाले पापुल शॉ ने बताया कि ललित ‘शिक्षक’’ था जो दो साल पहले गायब हो गया था. शॉ ने कहा, ‘‘उसे शिक्षक के रूप में जाना जाता था जो स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था. कुछ साल पहले वह इलाके में आया और अकेले रह रहा था. वह कभी-कभार ही स्थानीय लोगों से बात करता था. उस वक्त वह मेरे ठेले पर चाय पीता था. दो साल पहले वह अचानक इलाके से चला गया और फिर कभी नहीं लौटा.’’