जरुरी जानकारी | सैटकॉम स्पेक्ट्रम के मुद्दे पर ट्राई की खुली चर्चा में दोनों पक्ष अड़े
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. एलन मस्क की अगुवाई वाली कंपनी स्टारलिंक ने शुक्रवार को कहा कि वह उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाओं के मूल्य निर्धारण पर पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखती है और उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा का शुल्क बेहद कम रखने के आरोप गलत एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
नयी दिल्ली, आठ नवंबर एलन मस्क की अगुवाई वाली कंपनी स्टारलिंक ने शुक्रवार को कहा कि वह उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाओं के मूल्य निर्धारण पर पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखती है और उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा का शुल्क बेहद कम रखने के आरोप गलत एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने सैटकॉम स्पेक्ट्रम के आवंटन के मुद्दे पर इस खुली चर्चा का आयोजन किया था। इसमें स्टारलिंक के साथ रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
इस दौरान स्टारलिंक जहां उपग्रह स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किए जाने के पक्ष में डटी रही वहीं परंपरागत दूरसंचार सेवा प्रदाता जियो और एयरटेल ने इस स्पेक्ट्रम की नीलामी किए जाने की मांग दोहराई।
जियो ने कहा कि वह प्रतिस्पर्धा से नहीं डरती है लेकिन ‘समान सेवाओं के लिए समान नियम’ लागू होने चाहिए।
जियो के अधिकारी रवि गांधी ने कहा, ‘‘हम एक बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार में काम कर रहे हैं। हम प्रतिस्पर्धा से डरते नहीं हैं। लेकिन यहां मामला दूसरा है। असल में जो कंपनियां उपग्रह के जरिये दूरसंचार सेवाएं देना चाहती हैं, वे प्रतिस्पर्धा से डरती हैं, और इसीलिए वे इस तरह की सुरक्षा चाहती हैं।’’
खुली चर्चा के दौरान स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के निदेशक परनिल ऊर्ध्वरेषे ने कहा कि भारतीय उपयोगकर्ता सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं चाहते हैं और उन्हें एक सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली सेवा देने वाला ऑपरेटर चुनने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए स्टारलिंक की सेवाओं की कीमतें इसकी वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगली पीढ़ी की संचार प्रणाली द्वारा बेहद कम दरों पर सेवाएं देने के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह झूठे हैं। हम दुनियाभर में स्टारलिंक के मूल्य निर्धारण और प्रदर्शन पर पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हैं।’’
ऊर्ध्वरेषे के मुताबिक, 113 देशों में स्टारलिंक का परिचालन अनुभव बताता है कि उपयोगकर्ता सैटेलाइट ब्रॉडबैंड तब चुनते हैं जब उनके पास कवरेज, विश्वसनीयता या सामर्थ्य की वजह से अन्य विकल्प नहीं होते हैं।
मस्क का उद्यम स्टारलिंक और अमेजन का प्रोजेक्ट कुइपर सैटकॉम स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का समर्थन करते हैं। वहीं जियो और एयरटेल का मानना है कि सरकार द्वारा पूर्व-निर्धारित मूल्य पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम देने से असमान खेल का मैदान बनेगा।
हालांकि, संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन होना वैश्विक रुझान के अनुरूप है।
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