देश की खबरें | बंबई उच्च न्यायालय ने मजीद की जमानत रखी बरकरार

मुम्बई, 23 फरवरी बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 27 वर्षीय अरीब मजीद की जमानत का विशेष अदालत का आदेश बरकरार रखा।

मजीद पर आईएसआईएस से संबंध होने का आरोप है।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की एक खंडपीठ ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से दायर उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें उसने आईएसआईएस के कथित सदस्य मजीद को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी थी।

एनआईए की एक विशेष अदालत ने पिछले साल मार्च में मजीद को यह कहते हुए जमानत दे दी थी, सुनवाई में काफी देरी हुई और साथ ही अभियोजन पक्ष प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ कुछ साबित नहीं कर पाया है।

अदालत ने कहा कि निष्पक्ष और तीव्र सुनवाई एक संवैधानिक अधिकार है और लंबे समय तक सुनवाई चलने के बाद आरोपी अगर दोषी नहीं पाया गया तो, उसके द्वारा विचाराधीन कैदी के तैार पर बिताए समय को वापस नहीं लौटाया जा सकता।

उसने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तब अदालत को संतुलित कार्यवाही करनी होती है।

अदालत ने कहा कि 50 गवाहों के बयान दर्ज करने में पांच साल से अधिक समय लगा है और अभी 107 और गवाहों से पूछताछ की जानी है।

अदालत ने कहा, ‘‘ इसलिए, सुनवाई के निकट भविष्य में पूरा होने की कोई संभावना नहीं है।’’

पीठ ने कहा कि वह मुकदमा लंबित होने के आधार पर निचली अदालत के मजीद को जमानत देने का आदेश बरकरार रख रही है, वह मामले के गुण-दोष आधार पर उसकी (निचली अदालत की) टिप्पणियों को खारिज कर रही है।

उसने कहा कि यह अजीब बात है कि एनआईए अदालत ने पाया कि 49 गवाहों से पूछताछ के बाद भी अभियोजन पक्ष प्रथम दृष्टया अपना मामला साबित करने में सफल नहीं हुआ है।

उच्च न्यायालय ने मजीद को एक लाख रुपये बतौर मुचलका जमा कराने और ठाणे जिले के कल्याण से बाहर नही जाने का निर्देश भी दिया। मजीद कल्याण में रहता है।

मजीद को पहले दो महीने हर दिन दो बार कल्याण में पुलिस के समक्ष पेश होना होगा और उसके बाद अगले दो महीने हर दिन एक बार पेश होना होगा।

एनआईए के अनुसार, मजीद कथित तौर पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने सीरिया गया था और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत लौटा है।

मजीद को एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भादंवि के प्रावधानों के तहत 2014 में गिरफ्तार किया था। एनआईए की एक विशेष अदालत ने पिछले साल मार्च में मजीद को जमानत दे दी थी।

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