भाजपा की नीति सरकारी कंपनियों का नियंत्रण उद्योगपतियों को सौंपना है: प्रियंका गांधी का आरोप

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल की नीति सरकारी कंपनियों का नियंत्रण उद्योगपतियों को सौंपने की है.

(Photo : X)

इंदौर 8 नवंबर : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल की नीति सरकारी कंपनियों का नियंत्रण उद्योगपतियों को सौंपने की है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे संस्थानों की स्थापना के पीछे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का विचार देश को आगे ले जाना था. चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के सांवेर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस एम्स जैसे बड़े अस्पताल और आईआईएम लेकर आई और इसके पीछे जवाहरलाल नेहरू की सोच ऐसे संस्थान स्थापित करने की थी जो देश को आगे ले जाएं.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ''लेकिन सरकार द्वारा संचालित कंपनियों को उद्योगपतियों को सौंपना और लोगों की जेब से पैसा निकालना भाजपा की नीति बन गई है.''

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) की स्थिति को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर निशाना साधते हुए गांधी ने दावा किया कि सरकार द्वारा संचालित कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्योगपति मित्रों को दे दी गई हैं. उन्होंने कहा कि नौकरियों का निजीकरण हो रहा है, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई है और कर्मचारियों को डर है कि उनके पैसे का क्या होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी कहते हैं कि पिछले 70 साल (कांग्रेस शासन) में कुछ नहीं हुआ... जिस स्कूल में मोदी जी पढ़ते थे, वह कांग्रेस ने बनवाया था... मुझे नहीं पता कि मोदी जी कॉलेज गए थे या नहीं, लेकिन कम से कम उनकी डिग्री का प्रमाणपत्र (संपूर्ण राजनीति विज्ञान में) कांग्रेस द्वारा दिए गए कंप्यूटर से मुद्रित किया गया होगा.’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उस समय उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और वह देश में कंप्यूटर लाना चाहते थे, लेकिन ‘ऐसे लोगों ने इसका विरोध किया’ था. यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के क्रियान्वयन को उच्चतम न्यायालय की समीक्षा तक टाला

प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के उन वादों को दोहराया जिसमें प्रति क्विंटल गेहूं के लिए 2,600 रुपये और प्रति क्विंटल धान के लिए 2,500 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कृषि ऋण माफी, 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 200 यूनिट तब बिजली के उपयोग पर आधा टैरिफ, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना, 500 रुपये में रसोई गैस (एलपीजी) का सिलेंडर और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करना शामिल है. अन्य बातों के अलावा, उन्होंने पार्टी की कुछ अन्य गारंटी का भी उल्लेख किया, जिनमें जाति जनगणना, दो लाख सरकारी पदों को भरना, भर्ती परीक्षाओं के लिए शुल्क माफी और छात्रवृत्ति के साथ 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा शामिल है. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.

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