नयी दिल्ली, छह जनवरी केंद्र ने केरल और हरियाणा के ‘बर्ड फ्लू’ से प्रभावित जिलों के लिए बहु-विषयक टीमों की तैनाती की है। वहीं, मध्यप्रदेश ने एहतियाती उपाय के तौर पर दक्षिणी राज्यों से मुर्गे-मुर्गियों की किसी भी खेप के अगले 10 दिन तक मध्यप्रदेश की सीमा में दाखिल होने पर रोक लगा दी है।
बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद केरल के दो जिलों में हजारों मुर्गियों और बत्तखों को मार दिया गया। राजस्थान में झालावाड़, कोटा, बारन और जयपुर जिलों के बाद सवाई माधोपुर से भी नया मामला आया है।
तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद पंजाब ने भी अपने अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा जिले में नमभूमि के आसपास के क्षेत्रों में 28 दिसंबर के बाद करीब 3,000 प्रवासी पक्षियों की मौत के मद्देनजर मुर्गियों के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। इस बीच, सोलन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास करीब 500 मुर्गियां मृत पाई गई हैं। हालांकि, यह पता नही चल पाया है कि किसने इन मृत मुर्गियों को फेंका है। अधिकारियों ने बताया कि मृत मुर्गियों के नमूने एकत्र किए गए हैं।
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने कहा कि केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में 12 स्थानों पर बर्ड फ्लू फैलने की रिपोर्ट मिली है और कुक्कुटों, कौओं और प्रवासी पक्षियों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए परामर्श जारी किए गए हैं।
बर्ड फ्लू के नए मामले इसलिए भी चिंताजनक हैं क्योंकि अभी कुछ महीने पहले 30 सितंबर 2020 को भारत ने खुद को इस बीमारी से मुक्त घोषित किया था। भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला 2006 में सामने आया था।
मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखने तथा राज्यों के अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले एहतियाती और रोकथाम वाले कदमों का दैनिक आधार पर जायजा लेने के लिए नयी दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने बर्ड फ्लू से प्रभावित केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिले तथा हरियाणा के पंचकुला जिले में बहु-विषयक टीमों की तैनाती की है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पंचकुला जिले से कुक्कुटों के नमूनों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट मिली है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की दो बहु-विषयक टीमों की प्रभावित जिलों में चार जनवरी से तैनाती की गयी है। यह टीम बर्ड फ्लू संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की रणनीति को लागू करने में राज्यों के स्वास्थ्य विभागों की मदद करेगी।
केरल के पशुपालन मंत्री के. राजू ने कहा कि अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बत्तखों एवं मुर्गे-मुर्गियों समेत 69,000 से अधिक पक्षियों को मारा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के पक्षी प्रवासी पक्षियों से संक्रमित हुए हैं। अभी तक मनुष्यों के इस वायरस से संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया हैं। हालांकि इस वायरस के स्वरूप बदलने की आशंका है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा।’’
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पक्षियों के मांस एवं उनके अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले 10 दिनों तक केरल और दक्षिण के राज्यों से कुक्कुटों की खेप के राज्य की सीमा में दाखिल होने पर पाबंदी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केरल और दक्षिण के कुछ राज्यों में मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। लिहाजा हमने तय किया है कि इन राज्यों से भेजे गए मुर्गे-मुर्गी अगले 10 दिन तक मध्यप्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।’’
उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में कौओं और कुछ अन्य प्रजातियों के पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। लेकिन औचक जांच में राज्य के किसी भी पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियों में अब तक यह बीमारी नहीं मिली है।’’
मुख्यमंत्री ने बताया,‘‘मैंने राज्य के सारे जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पोल्ट्री फार्म संचालकों से बात कर बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश तय करें। अब पोल्ट्री फार्म इन दिशा-निर्देशों के हिसाब से ही चलेंगे।’’
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पोंग नम भूमि के आसपास के क्षेत्र से जीवित मुर्गियों के 120 से नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिससे यह पुष्टि की जा सके कि कहीं वे बर्ड फ्लू की चपेट में तो नहीं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नमभूमि और इसके आसपास में 28 दिसंबर के बाद करीब 3,000 प्रवासी पक्षियों की मौत होने और पक्षियों में फैल रहे ‘एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएन्जा’ को देखते हुए इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया।
उन्होंने कहा कि अब तक यहां मुर्गियों में अस्वाभाविक मौत के मामले सामने नहीं आए हैं। हालांकि, अगर नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो उस सूरत में झील के एक किलोमीटर की परिधि में सभी मुर्गियों को मारने की कार्रवाई करनी होगी।
पंजाब में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं आया है लेकिन सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में किसी प्रवासी पक्षी और पोल्ट्री पक्षी की असामान्य मौत पर नजर रखें और उनके नमूनों को जांच के लिए भेजें।
पंजाब के पुशपालन विभाग के निदेशक हरबिंदर सिंह कहलों ने बताया कि पक्षियों की असामान्य मौत पर नजर रखने के लिए परामर्श जारी किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि पक्षियों की असामान्य रुप से मृत्यु का पता चलने पर नमूनों को जालंधर स्थित प्रयोगशाला (आरडीडीएल) में भेजा जाए ताकि मौत के कारण का पता चल सके।
तमिलनाडु और कर्नाटक ने भी मंगलवार को इसी तरह के परामर्श जारी किए थे।
वहीं, चंडीगढ़ की सुखना झील और आसपास के इलाकों से चार मृत पक्षी मिले हैं। चंडीगढ़ वन एवं वन्यजीव विभाग ने कहा कि वह पता कर रही है कि और पक्षी भी मरे हैं या नहीं।
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