मिशन बंगाल के लिए कमर कस चुकी बीजेपी को बड़ा झटका, Gorkha Janmukti Morcha ने छोड़ा साथ, TMC को समर्थन देने का किया ऐलान

दार्जिलिंग में अलग राज्य के लिए आंदोलन के बाद 2017 से फरार चल रहे जीजेएम सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने बुधवार को कहा कि उनके संगठन ने राजग से बाहर होने का फैसला किया है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहाड़ी क्षेत्र के लिए ‘‘स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है।’’

जीजेएम सुप्रीमो बिमल गुरुंग (Photo Credits: ANI)

कोलकाता: दार्जिलिंग में अलग राज्य के लिए आंदोलन के बाद 2017 से फरार चल रहे जीजेएम (Gorkha Janmukti Morcha) सुप्रीमो बिमल गुरुंग (Bimal Gurung) ने बुधवार को कहा कि उनके संगठन ने राजग से बाहर होने का फैसला किया है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहाड़ी क्षेत्र के लिए ‘‘स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है. करीबी सहयोगी रोशन गिरि के साथ सामने आए गुरुंग ने कहा कि केंद्र सरकार 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिन्हित करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रही है.

उन्होंने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मुकाबले में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने का संकल्प जताया. गुरुंग ने यहां एक होटल में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘2009 से ही हम राजग का हिस्सा रहे हैं लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहाड़ के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने का अपना वादा नहीं निभायाउसने अनुसूचित जनजाति की सूची में 11 गोरखा समुदायों को शामिल नहीं किया.हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं इसलिए आज हम राजग छोड़ रहे हैं. यह भी पढ़े: Modi Cabinet: पश्चिम बंगाल में ममता को टक्कर देने वाले इन नेताओं को मोदी बना सकते हैं मंत्री, विधानसभा चुनावों पर होगी नजर

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता गुरंग ने कहा कि पहाड़ छोड़ने के बाद वह तीन साल नयी दिल्ली में रहे और दो महीने पहले झारखंड चले गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आज मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं. आंदोलन में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए गुरुंग के खिलाफ 150 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे.

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