देश की खबरें | भैरों सिंह शेखावत के सभी दलों के नेताओं से मधुर संबंध थे लेकिन यह मिलीभगत नहीं थी: राजे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के अन्य दलों के नेताओं से मधुर संबंध थे लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी उनसे मिलीभगत थी।
सीकर (राजस्थान), 15 मई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने सोमवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के अन्य दलों के नेताओं से मधुर संबंध थे लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी उनसे मिलीभगत थी।
वसुंधरा राजे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच ‘मिलीभगत’ को लेकर आरोपों के बीच राजे का यह बयान आया है।
नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने खुले तौर पर राजे और गहलोत पर ‘मिलीभगत’ का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान पर निशाना साधा कि 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान उनकी (गहलोत) सरकार को बचाने में राजे ने मदद की थी।
पायलट ने कहा था, ‘‘गहलोत के बयान से प्रतीत होता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे थीं।’’
दोनों नेताओं (गहलोत और राजे) ने किसी भी आपसी तालमेल से इनकार किया है। कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने गहलोत के साथ ‘मिलीभगत’ के आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि दूध और नींबू का रस कभी ‘मिक्स’ नहीं होता।
गहलोत ने भी कहा कि धौलपुर में राजे द्वारा उनकी सरकार को बचाने में मदद के संबंध में दिए गए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। गहलोत ने कहा कि राजे के संदर्भ में धौलपुर की रैली में उन्होंने जो कुछ कहा वह कुछ ऐसा था जिसे उन्होंने ‘‘सुना’’ था।
भैरों सिंह शेखावत की पुण्यतिथि पर सीकर के खाचरियावास गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि जब शेखावत दिल की सर्जरी के लिए अमेरिका में थे तब उनकी सरकार को गिराने के लिए जयपुर में एक ‘‘ऑपरेशन’’ चल रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि कांग्रेस इसमें सफल नहीं हुई।’’
इन दावों के विपरीत कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, जो उस समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख थे, ने आरोप लगाया था कि ‘‘भाजपा नेता’’ उस समय शेखावत की सरकार को गिराने की साजिश कर रहे थे, जब वह इलाज के लिये अमेरिका गये थे।
राजे कहा कि शेखावत के सभी दलों के नेताओं से अच्छे संबंध थे लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी मिलीभगत थी। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी संगठन के लिए वह चट्टान की तरह खड़े हो जाते थे।’’
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