कूचबिहार (पश्चिम बंगाल), 11 फरवरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बृहस्पतिवार को एक ‘‘विफल प्रशासक’’ बताया और कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के ‘‘विकास मॉडल’’ और उनके (ममता के) ‘‘विनाश मॉडल’’ के बीच मुकाबला होगा।
शाह ने कहा कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ एक मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री बदलने के लिए नहीं, बल्कि घुसपैठ खत्म करने और पश्चिम बंगाल की स्थिति बदलने के लिए है।
उन्होंने यहां उत्तर बंगाल के इस शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा का उद्देश्य ‘‘बुआ-भतीजे’’ द्वारा संरक्षित भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी है।
भाजपा बनर्जी और उनके भतीजे एवं डायमंड हार्बर से लोकसभा सांसद अभिषेक पर ‘‘भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने’’ का आरोप लगाती रही है।
शाह भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के बारे में भी बोले और चेतावनी देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
शाह ने दावा किया कि मई के बाद (जब विधानसभा चुनाव समाप्त होंगे) ममता बनर्जी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि वह भी तब तक ‘जय श्रीराम’ कहने लगेंगी।
शाह ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा निकाली जा रही पांच ‘परिवर्तन यात्राओं’ में से चौथी यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह यात्रा एक मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री बदलने के लिए नहीं है। यह घुसपैठ समाप्त करने के लिए है, यह हिंसा समाप्त करने और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने, यह बंगाल के परिवर्तन के लिए है। आप बंगाल में भाजपा को वोट देकर सत्ता में लायें। अवैध प्रवासियों को तो छोड़िये, सीमा पार से एक पक्षी तक को भी राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी’’
शाह ने दावा किया कि कूचबिहार जिले में व्यापक पैमाने पर घुसपैठ होने से यहां की जनसांख्यिकी में परिवर्तन हुआ है जिसकी सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं।
शाह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार के ‘‘विकास मॉडल’’ और ममता बनर्जी के ‘‘विनाश मॉडल’’ के बीच मुकाबला होगा।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतेगी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ममता दीदी केवल घुसपैठ के मुद्दे पर चुनाव हारेंगी।’’
शाह ने 23 जनवरी की उस घटना का जिक्र किया जब बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित उस एक आधिकारिक कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगने के बाद बोलने से इनकार कर दिया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल थे। शाह ने कहा कि बनर्जी के रुख का उद्देश्य किसी खास समुदाय को खुश करने का था।
उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जय श्री राम का उद्घोष करना अपराध बन गया है। जय श्री राम सुनने के बाद उन्हें गुस्सा क्यों आता है? ममता दीदी, अगर जय श्री राम का नारा यहां नहीं लगेगा तो क्या पाकिस्तान में लगेगा?’’
बनर्जी का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप इस पर गुस्सा इसलिए करती हैं क्योंकि आप वोट बैंक की राजनीति के लिए एक विशेष वर्ग के लोगों को खुश करना चाहती हैं। मैं आपको (लोगों को) बता रहा हूं कि चुनाव समाप्त होने तक ममता दीदी भी जय श्री राम कहना शुरू कर देंगी।’’
शाह ने राज्य में राजनीतिक हिंसा में कथित तौर पर जान गंवाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के नामों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने भय का माहौल बनाया है लेकिन भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल के ‘‘गुंडों’’ का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको लगता है कि हम तृणमूल कांग्रेस के गुंडों से भयभीत हो सकते हैं? वे भाजपा को सत्ता में आने से नहीं रोक सकते हैं। एक बार हमारे सत्ता में आने पर उस हिंसा को भड़काने के जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई।’’
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने अभी तक भाजपा के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है।
तृणमूल कांग्रेस में ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी जनता के बजाय केवल अपने भतीजे के कल्याण के लिए काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ‘जन कल्याण’ के लिए काम करती है, जबकि ममता बनर्जी सरकार को केवल ‘भतीजा कल्याण’ के बारे में चिंता है। उनका एकमात्र एजेंडा अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना है।’’
भाजपा नेता ने कहा कि बनर्जी ने लोगों को कई केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित किया और हमेशा मोदी सरकार के साथ ‘‘झगड़ा’’ किया।
उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल की जनता ने भाजपा सरकार चुनने का मन बना लिया है। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में, नयी भाजपा सरकार प्रत्येक किसान के बैंक खाते में 12,000 रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय लेगी जो उन्हें नहीं मिल सका क्योंकि उन्होंने (ममता) ने पीएम किसान योजना में शामिल होने से इनकार कर दिया।’’
उत्तर बंगाल में कोच राजबंशी समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए शाह ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एक नई ‘नारायणी सेना बटालियन’ की घोषणा की और कहा कि इसका प्रशिक्षण केंद्र का नाम 'वीर' चिला रॉय (कोच राजवंश के नरेश नर नारायण के छोटे भाई एवं राजकुमार) के नाम पर रखा जाएगा।
शाह ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और असम के कुछ हिस्सों में बड़ी आबादी वाले राजबोंग्शी समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए कहा कि एक पर्यटक सर्किट और ठाकुर पंचानन स्मारक केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। पंचानन बर्मन इस समुदाय से संबंधित एक महान हस्ती हैं।
उत्तर बंगाल की 56 विधानसभा सीटों में से कई सीटों पर राजबंशी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।
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