बटला हाउस मुठभेड़: अदालत ने आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में दोषी करार दिए गए आरिज खान को सुनाई गई फांसी की सजा को बृहस्पतिवार को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई थी।

बटला हाउस मुठभेड़: अदालत ने आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला
Photo Credits: ANI

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में दोषी करार दिए गए आरिज खान को सुनाई गई फांसी की सजा को बृहस्पतिवार को उम्रकैद में तब्दील कर दिया. बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई थी. उच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस बात से अवगत है कि देश ने एक बहादुर पुलिस अधिकारी को कर्तव्य निभाते हुए खो दिया, लेकिन मामला ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ की श्रेणी में नहीं आता जिसमें मौत की सजा दी जाए.

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें खान को पुलिस अधिकारी की हत्या का दोषी ठहराया गया था. अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों और अन्य सामग्री से उसकी मौजूदगी घटनास्थल पर होने की बात साबित होती है और उसके मौके से फरार होने के दौरान अधिकारियों पर गोली चलाने की बात भी साबित होती है.हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड में कुछ नहीं है कि अधिकारी को लगी गोली के लिए किसी आरोपी विशेष को जिम्मेदार ठहराया जा सके.

अदालत ने घटना के समय बीटेक के 23 वर्षीय छात्र रहे खान को सुनाई गई फांसी की सजा की पुष्टि करने से इनकार करते हुए कहा कि इस अदालत की सुविचारित राय है कि सश्रम आजीवन कारावास की सजा उचित होगी. अगस्त महीने में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें पूरी की थीं, जिसके बाद पीठ ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई के अधिकारी शर्मा की मौत 19 सितंबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान हुई थी.

राष्ट्रीय राजधानी में पांच सिलसिलेवार बम विस्फोटों के कुछ दिन बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए थे। विस्फोटों में 39 लोगों की मौत हुई थी और 159 लोग घायल हुए थे. शर्मा ने विस्फोटों के जिम्मेदार आतंकवादियों की तलाश में इस इलाके में छापा मारा था.

निचली अदालत ने आठ मार्च, 2021 को खान को दोषी ठहराया था और कहा था कि यह विधिवत साबित हो गया कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की। इसने कहा था कि खान का अपराध ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ की श्रेणी में आता है जिसमें अधिकतम सजा दी जानी चाहिए जो ‘मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाना’ है.

इसने 15 मार्च, 2021 को खान को मौत की सजा सुनाई थी और उस पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. अदालत ने कहा था कि 10 लाख रुपये तत्काल शर्मा के परिवार के सदस्यों को दिए जाने चाहिए. इसके बाद खान को सुनाई गई मौत की सजा के मामले को पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय में भेजा गया. जब कोई निचली अदालत किसी व्यक्ति को मृत्यु की सजा सुनाती है तो उच्च न्यायालय फैसले का अध्ययन करता है और अपराधी को फांसी देने से पहले सजा की पुष्टि उसे करनी होती है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)


संबंधित खबरें

IND vs CHN, Men’s Hockey Asia Cup 2025: सुपर 4 मुकाबले में चीन को 7-0 से रौंदकर टीम इंडिया ने हॉकी एशिया कप के फाइनल बनाई जगह; दक्षिण कोरिया से भिड़ंत

ZIM W vs NAM W, ICC Women's T20 WC Africa Region Division One Qualifier 2025 Scorecard: जिम्बाब्वे महिला टीम ने नामीबिया को हराकर जीता T20 विश्व कप क्वालिफायर, केलीज़ एनडलोवु ने खेली तूफानी पारी

SBI Clerk प्रीलिम्स परीक्षा 2025 की डेट जारी, नवंबर में होगा Mains एग्जाम; @sbi.co.in से डाउनलोड करें कॉल लेटर

Jasprit Bumrah vs Shaheen Afridi Stats: भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप मैच से पहले जानिए जसप्रीत बुमराह और शाहीन अफरीदी में से किसके नाम हैं ज्यादा टी20आई विकेट, किसका रहा है दबदबा?

\