बरेली, 18 अक्टूबर बरेली की त्वरित अदालत ने तीन साल की बच्ची संग दुष्कर्म के प्रयास में 75 वर्षीय एक व्यक्ति को सात साल कैद और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है। अदालत ने जुर्माने की आधी रकम पीड़ित बच्ची को देने के निर्देश दिये हैं।
अपर सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार शुक्ला ने शनिवार को भमौरा थाना क्षेत्र निवासी 75 वर्षीय अशफाक अहमद उर्फ अल्लाह रक्खा को सात साल कैद की सजा सुनायी है और उसपर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
सरकारी वकील सुरेश बाबू साहू के मुताबिक अशफाक अहमद उर्फ अल्लाह रक्खा के खिलाफ तीन वर्ष की मासूम बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप सिद्ध होने पर यह सजा सुनाई गई है। अशफाक अहमद पड़ोसी की बेटी को दुलार के बहाने अपने घर की छत पर ले जाकर दुष्कर्म की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
अदालत में 10 साल तक चली सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से सरकारी वकील ने 11 गवाहों को पेश किया। सबूतों और गवाही के आधार पर अदालत ने कहा कि अभियुक्त ने तीन साल की बच्ची के बचपन और भविष्य से खिलवाड़ करते हुए और उस पर बिना तरस खाए उसके साथ दुराचार का प्रयास किया, जो पूरे समाज को स्तब्ध करने वाली घटना है।
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अदालत ने कहा कि अभियुक्त की घटना के वक्त उम्र 65 साल की रही होगी और वह बच्ची के पिता का पड़ोसी भी है, इसके बावजूद उसका यह घृणित कार्य समाज में कायम आपसी भरोसे को भी आघात पहुंचाता है।
सुरेश बाबू ने बताया कि दस वर्ष पहले मासूम बच्ची के पिता ने भमौरा थाने में 65 साल के अशफाक के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी। सरकारी वकील के मुताबिक मासूम के पिता ने पहले अशफाक अहमद की उसके बेटे से शिकायत की, लेकिन बेटे ने उल्टे मासूम के पिता के साथ गाली गलौज की। इसके बाद मासूम के पिता ने भमौरा थाने जाकर अशफाक अहमद और उसके बेटे जावेद के खिलाफ तहरीर दी।
उन्होंने बताया कि अदालत ने अशफाक को दोषी मानते हुए सात वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया, लेकिन उसके बेटे जावेद को बरी कर दिया।
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